बीजेपी सांसद ने कहा, रिश्ते खत्म हो रहे, 60 साल बाद बच्चे ऑनलाइन पैदा होंगे।

समझ में सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि आज का दिन रीवा के लिए बहुत गौरव का दिन है। विज्ञान के तेजी से विकास के साथ मानव और मानवीय गुना पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं। हम माध्यमिक सूचना तकनीक का इतना अधिक उपयोग करने लगे हैं कि आप ही संबंध में भी तनाव उत्पन्न हो गया है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार रीवा (मध्य प्रदेश)। बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का भाषण एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के हीरक जयंती समारोह में एआई के प्रभाव पर बोलते हुए सांसद ने कहा कि आज से 50-60 साल बाद बच्चे भी ऑनलाइन पैदा होंगे। तकनीक के विकास रिश्ते में बदलाव आ रहा है और इस बदलाव के साथ मानवता के गुण बनाए रखने की जरूरत है।

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सांसद ने कहा कि आजकल ऑनलाइन शादियां हो रही है, लोगों में आपसी प्यार और लगाव खत्म हो गया है। को मोबाइल में बातें करते हुए आहें भारते हैं। बच्चे भी ऑनलाइन पैदा होंगे। मिश्रा ने आगे कहा कि AI का जमाना आ गया है, क्या पता कॉलेज के प्राचार्य भी AI के रोबोट ही हों।

समारोह में सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि आज का दिन रीवा के लिए गौरव का दिन है। विज्ञान के के साथ तेजी से मानव और मानव गुना पर प्रश्न चिन्ह लगे हैं। हम आधुनिक सूचना तकनीक का इतना अधिक उपयोग करने लगे हैं कि आपसी संबंध में भी तनाव उत्पन्न हो गया है। सूचना तकनीक का ऐसा विकास हो तमाम सुविधाओं के साथ ही मानव के संस्कार और मानवीय गुण बरकरार रहे। कार्यक्रम मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला समेत कई भाजपा नेता मौजूद थे।

राज्यपाल ने कहा कि इंजीनियरिंग दुनिया को बेहतर बनाने की कला है। शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अधोसंरचना विकास में इंजीनियरों का बहुत बड़ा योगदान है। मानव को शिक्षा ही समर्थ और संस्कारवान बनाती हैं।

पतली उजाड़ पहाड़ी में सौर ऊर्जा संयंत्र……………

समझ में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि इंजीनियरिंग हर तरह के विकास का मूल है। प्रतिभा विकास के कई बड़े कार्य हुए हैं। इन सब में इंजीनियरों का सर्वाधिक योगदान रहा है। यह निरंकारी चमत्कार है कि गुढ़ की पथरीली उजाड़ पहाड़ी में 750 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र सफलता की गाथा कह रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व छात्र मिलकर कॉलेज के विकास का रोड मैप बनाएंगे और इस देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थान के रूप में विकसित करेंगे। 

समझ में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही ज्ञान,विज्ञान, आध्यात्म और दर्शन की परंपरा रही है।

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किसी ज्ञान परंपरा को समाहित करके नई शिक्षा नीति बनाई गई है। हमारे देश में आज भी हजारों साल पुराने स्मारक स्थापत्य और विज्ञान की सफलता की कहानी कहते हुए विद्यमान है। भारत के एक इंजीनियर ने 13वीं शताब्दी में बीजिंग शहर और दुनिया के सबसे बड़े मंदिर कंबोडिया के अंगकोर वाट मंदिर की डिजाइन बनाई थी। सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा और अक्षय स्रोत हैं। इसीलिए हमारे देश में सूर्य की पूजा की जाती है।

मंत्री परमार ने कहा कि रीवा के इंजीनियरिंग कॉलेज के विकास के संबध में जो प्रस्ताव मिले हैं उन पर दिसंबर माह में आयोजित बैठक में निर्णय लिए जाएंगे। समझ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पद्मभूषण तथा पद्मविभूषण इंजीनियर एएस पिल्लई को भी सम्मानित किया गया। समारोह में एल्युमिनी संगठन के अध्यक्ष एनटीपीसी के पूर्व अध्यक्ष श्री आर्य शर्मा ने स्वागत उद्घाटन‌‌ दिया। कॉलेज के प्राचार्य बीके अग्रवाल ने 60 वर्ष की उपलब्धियां की जानकारी दी। समझ में राज्यपाल ने कॉलेज की स्मारिका के प्रथम पृष्ठ का डिजिटल विमोचन किया। समारोह में राज्यपाल तथा अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।