बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन।
विवाह घर में आयोजित प्रेस वार्ता में बिरसा मुंडा विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह जी, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु कांत कुशवाहा जी और राष्ट्रीय संयोजक बृजलाल कोल जी ने पत्रकारों को संबोधित किया है। उन्होंने बताया है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में व्याप्त शोषण, अन्याय, और अधिकारों से वंचित आदिवासी समाज की आवाज को बुलंद करना है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार रीवा (मध्य प्रदेश)। जिले में आगामी 15 नवंबर को महान स्वतंत्रता सेनानी और जल-जंगल-जमीन के संरक्षण भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती के अवसर पर एक विशाल आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में आदिवासी समाज के उत्थान में अधिकारों के लिए प्रेरणादायक विचारों को सामने रखा गया है। बिरसा मुंडा विचार मंच के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में भोजपुरी सिने जगत के सुपरस्टार लोकप्रिय गायक श्री पवन सिंह विशेष अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।
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आज स्वयंवर विवाह घर में आयोजित प्रेस वार्ता में बिरसा मुंडा विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह जी, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु कांत कुशवाहा जी, और राष्ट्रीय संयोजक बृजलाल कोल जी ने पत्रकारों को संबोधित किया है। उन्होंने बताया है कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त शोषण, अन्याय और अधिकारों से वंचित आदिवासी समाज की आवाज को बुलंद करना है।
कार्यक्रम के प्रमुख मुद्दे और मांगे…………….
- भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों की पुनः आवश्यकता, जल, जंगल और जमीन के लिए बिरसा मुंडा द्वारा लड़ी गई लड़ाई आज भी प्रासंगिक है। समाज कौन के विचारों पर चलने की प्रेरणा देने की आवश्यकता है।
- शोषित और पीड़ित आदिवासी समाज की आवाज, गरीब भोले -भाले आदिवासी समुदाय को सरकारी भ्रष्ट्र के मकड़जाल में उलझाया जा रहा है। उनके अधिकारों की रक्षा के लिए में एकजुट होना होगा।
- अधिकारों की मांग, हमें भीख नहीं बल्कि अधिकार चाहिए। हर आदिवासी परिवार के लिए रोजगार, रोटी,कपड़ा और मकान का अधिकार सुनिश्चित हो।
- जमीन का अधिकार, प्रत्येक आदिवासी परिवार को दो एकड़ जमीन मिले ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें।
- प्रधानमंत्री आवास योजना में सुधार, मात्र 1.20 लाख की राशि में घर बनाना संभव नहीं है। या तो सरकार इसे बढ़ाएं है या स्वयं मकान बना कर दें।
- लॉलीपॉप नहीं, वास्तविक अधिकार चाहिए। आदिवासी समुदाय को सरकारी लॉलीपॉप से नहीं, बल्कि पढ़ाई, दवाई और कमाई का अधिकार सुनिश्चित किया जाए।
- शिक्षा में निःशुल्क कोचिंग की सुविधा, आदिवासी विद्यार्थियों को IIT, JE, NIT, PSE, UPSC, जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में जाने हेतु प्रत्येक विकास खंड में निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएं।
8. विशेष पैकेज की मांग, गुना जिले के सहरिया जाति की तरह विन्ध्य की कोल जनजाति के लिए भी विशेष पैकेज की व्यवस्था हो।
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बिरसा मुंडा जयंती का यह आयोजन समाज को जागरूक करने का प्रयास है और साथ ही हमारे बहादुर पूर्वजों के बलिदान को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। इस ऐतिहासिक दिवस पर एकत्रित हो और अपने अधिकारों के लिए मिलकर आवाज़ उठाएं।