बिजली बकायदारों के लिए आज से ओटीएस योजना होगी लागू, विभागीय वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण।

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 1.10 लाख संपत्तियां हैं। जिनका शासन स्तर से नोटिफिकेशन जारी हुआ है। नियम है कि जब शासन वक्फ संपत्ति से संबंधित नोटिफिकेशन जारी करता है तो उसे नोटिफिकेशन को संबंधित तहसील को भेजा जाता है। संबंधित तहसील इसके आधार पर या तो आमल- दरामद कर उसे संपत्ति का अपने रिकॉर्ड में नामांतरण करती है। असहमत होने पर आपत्ति के साथ शासन को वापस कर सकती है। शासन से नोटिफिकेशन जारी होने के 6 महीने के भीतर तहसील प्रशासन को यह प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार उत्तर प्रदेश ।

बिजली बकायदारों के लिए आज से ओटीएस योजना होगी लागू। इस तरह पंजीयन करके ले सकेंगे लाभ, प्रदेश में बिजली बकायदारों के लिए एकमुश्त समाधान योजना रविवार से शुरू हो गई हैं। 31 दिसंबर तक पंजीयन करने वाले उपभोक्ताओं को सरचार्ज में शत् प्रतिशत छूट मिलेगी। 

सोमवार को सभी उपकेंद्रों पर जाकर पंजीयन कराया जा सकेगा। एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को विभागीय वेबसाइट www.uppcl.org पंजीकरण करना होगा। सोमवार को विभागीय खंड ,उपखंड कार्यालय पर भी जाकर पंजीयन कर सकते हैं। इसी तरह विद्युत सखी, जन सेवा केंद्र में भी पंजीयन कराकर योजना का लाभ ले सकते हैं। पंजीकरण के लिए नवीनतम बिजली बिल और मोबाइल नंबर अनिवार्य होगा।

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30 सितंबर 2024 तक के मूल बकाय का 30 फीसदी भुगतान करना होगा। घरेलू उपभोक्ता पंजीकरण के बात 10 किस्त और अन्य चार किस्त में भी भुगतान कर सकते हैं। यह योजना 31 जनवरी तक चलेगी, लेकिन हर 15 दिन पर छूट घटती जाएंगी।

बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियों का तहसीलदारों से नहीं हुआ नामांतरण।

प्रदेश में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियों का तहसील रिकॉर्ड में नामांतरण ही नहीं हुआ है। शासन स्तर से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद की प्रक्रिया ही पूरी नहीं कराई गई है। इससे तमाम वक्फ संपत्तियों को लेकर पेंच फंस गया है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 1.10 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। जिनका शासन स्तर से नोटिफिकेशन जारी हुआ है। जब शासन वक्फ संपत्ति से संबंधित नोटिफिकेशन जारी करता है तो उस नोटिफिकेशन को संबंधित तहसील को भेजा जाता है। संबंधित तहसील के आधार पर उस संपत्ति का अपने रिकॉर्ड में नामांतरण करती है या असहमत होने पर इसे आपत्ति के साथ शासन को वापस कर सकती है। शासन से नोटिफिकेशन जारी होने के 6 महीने के भीतर तहसील प्रशासन कोई यह प्रक्रिया पूरी करनी होती हैं।

उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को लेकर जो नोटिफिकेशन समय-समय पर जारी किए गए, उनमें से तमाम नोटिफिकेशन संबंधित तहसीलों को भेजें ही नहीं गए हैं। अगर भेजे गए तो तहसीलों ने नामांतरण नहीं किया। अब शासन स्तर से जिलों से यह सूचना इकट्ठा करवाई जा रही है कि कितनी वक्फ संपत्तियों की नोटिफिकेशन के आधार पर तहसीलों से नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया पूरी की गई है।

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