भ्रष्टाचार के विरुद्ध आर- पार, 1 साल की साय सरकार में हर महीने 5 भ्रष्टाचारी गए जेल, अब बनेगा आयोग।
भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या माना जाता है और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक उपाय भी किए हैं। भ्रष्टाचार के सबसे आम कृत्यों में किसी न किसी रूप में रिश्वतखोरी शामिल है। रिश्वत में किसी तरह की व्यक्तिगत लाभ के लिए अनुच्छेद आसान और उपहार का इस्तेमाल शामिल है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार रायपुर (छत्तीसगढ़ )।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। पिछले 12 महीने में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 35 लगभग मामलों में 60 आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की है। इन में बाबू से लेकर अफसर तक शामिल है। सरकार की स्पष्ट नीतियों, फैसले और पारदर्शी निर्णयों से जनता के पैसों का दुरुपयोग करने वाले अब जेल की हवा खा रहे हैं।
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सरकार भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आयोग का गठन करने की तैयारी कर रही है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आयोग बनाकर गठन करने की तैयारी और शिकायतों के निवारण और निगरानी करने की घोषणा की थी।
मोदी जी गारंटी वाले संकल्प पत्र में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आयोग गठित करने की घोषणा भी हुई थीं। इसके अलावा शिकायत निवारण व निगरानी के लिए वेब पोर्टल का सृजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय में सेल गठन करके भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ त्वरित कार्यवाही करने की तैयारी है।
भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या माना जाता हैं और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक उपाय भी किए गए हैं। भ्रष्टाचार के सबसे आम कृत्यों मैं किसी ना किसी रूप में रिश्वतखोरी शामिल हैं। रिश्वतखोरी में किसी तरह के व्यक्तिगत लाभ के लिए अनुचित एहसान और उपहारों का इस्तेमाल शामिल है।
पूर्व सरकार के द्वारा सीएसआईडीसी के जेम पोर्टल पर लगी रोक को इस सरकार ने हटा दिया। जेम के माध्यम से फिर से खरीदें व्यवस्था को लागू कर दिया। दावा है कि जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी सामग्री की खरीदीं आसानी से होने के साथ-साथ गुणवत्ता में वृद्धि और भ्रष्टाचार में कमी आएंगी।
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