भोपाल में वर्दी में घुस रही थी नकली एएसपी, असली पुलिस से सामना होने पर खुली पोल।

वर्दी पर लगे नेम प्लेट पर उसके नाम के साथ नंबर लिखे हुए थे। ऐसा नंबर अक्सर आरक्षक प्रधान आरक्षक श्रेणी की पुलिस कर्मियों के नेम प्लेट पर लिखा जाता है। यह उनका रेजिमेंटल नंबर होता है, जिससे पुलिस लाइन में आरक्षक की पहचान होती है। अधिकारियों के नेम प्लेट पर इस तरह का नंबर नहीं लिखा जाता है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश)। राजधानी के न्यू मार्केट में फर्जी आईपीएस बनकर घूम रही एक युवती को टीटी नगर थाना पुलिस ने पकड़ा है। इंदौर की यह युवती एडिशनल एसपी की वर्दी में अपने भाई के साथ न्यू मार्केट में घूम रही थी। इस दौरान उसने वहां नियमित गश्त कर पुलिस कर्मियों पर रौब जमाने की कोशिश की। पुलिस कर्मियों को शक हुआ तो पूछताछ में युवती के फर्जीवाड़े की पोल खुल गयी।

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बताया जा रहा है कि इंदौर की 28 वर्षीय शिवानी चौहान न्यू मार्केट में अपना रौब जमाने में कामयाब हो गई थी। इसी दौरान उसे वहां खड़े पुलिसकर्मी दिख गए, साथ आए भाई- भाभी को वर्दी का असर दिखाने के लिए वह पुलिस वालों के पास गई और भौंरी का रास्ता पूछने लगी। पुलिस वाले पहले तो एक एएसपी रैंक के अफसर को इस तरह देखकर चौंके, फिर उनका ध्यान युवती की वर्दी के साथ लगे नेम प्लेट गया।

नेम प्लेट देखकर हुआ शक……………….

वर्दी पर लगी नेम प्लेट पर उनके नाम के साथ नंबर लिखे हुए थे। ऐसा नंबर अक्सर आरक्षक प्रधान , आरक्षक श्रेणी के पुलिस कर्मियों के नेम प्लेट पर लिखा जाता है। यह उनका रेजिमेंटल नंबर होता है, जिससे पुलिस लाइन में आरक्षक की पहचान होती है। अधिकारियों के नेम प्लेट पर इस तरह का नंबर नहीं लिखा जाता है। पुलिस ने दर्ज किया यह अपराध, पुलिसकर्मियों ने उससे उसका बैच, प्रशिक्षण, भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम आदि पूछने शुरू किए तो वह घबरा गई। पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने लाई, जहां निजी मुचलके पर जमानत देकर रिहा कर दिया गया।

पुलिस ने उसे पर लोक सेवक की वर्दी पहन कर खुद को आईपीएस दिखाने के अपराधी मामला दर्ज़ किया है। यह अपराध साबित हुआ तो उसे अधिकतम 3 महीने की जेल और ₹5000 तक जुर्माने की सज़ा हो सकती है।

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पुलिस को सुनाई भावुक कहानी…………………

पुलिस की पूछताछ में नकली आईपीएस बनी शिवानी चौहान ने बताया है कि मैं कई वर्षों से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। मेरी मां चाहती थी कि मैं बड़ी अधिकारी बनूं। फिलहाल वह बीमार हैं और उन्हें खुश करने के लिए ही मैंने बोल दिया था कि मेरा चयन हो गया है और मैं आईपीएस बन गई हूं। इसके लिए इंदौर में वर्दी सिलवाई, बेल्ट- बूट लिया, यूट्यूब पर आईपीएस की वीडियो देख – देख  कर एसपी की रैंक और बैच आदि लगाएं।

पुलिस के अनुसार 28 वर्षीय शिवानी चौहान इंदौर में एमआईजी थाना क्षेत्र के एस आर – 9 में परिवार के साथ रहती हैं। युवती ने बताया है कि उसके पिता देशराज सिंह चौहान नगर निगम की उद्यानिकी शाखा में है। वह पिछले करीब 6 वर्षों से यूपीएससी तैयारी कर रही थी। उसने सन् 2018 और सन् 2019 में परीक्षा भी दी थी, लेकिन चयन नहीं हो सका था। शुक्रवार को मीटिंग के लिए कह कर भोपाल आई थी। उसका मौसेरा भाई भी उसके साथ था, इसलिए वह रौब दिखाना चाहती थी और इसी चक्कर में उसकी पोल खुल गई।