भारत पहुंचा चीन का ख़तरनाक वायरस, कर्नाटक में मिलें एचएमपीवी के दो केस, ICMR ने की पुष्टि।
बताया जा रहा है कि 3 महीने की बच्ची को इलाज़ के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि 8 महीने के बच्चे का इलाज़ अभी जारी है। दोनों को बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आईसीएमआर ने कहा है कि हालात पर केंद्र सरकार की नज़र है। आईसीएमआर ने कहा है कि किसी भी स्थिति है इसे निपटने को तैयार है। चीन में एचएमपीवी वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। इसके प्रकोप को देखते हुए चीन के कई राज्यों में इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार एजेंसी (नई दिल्ली )।
चीन का ख़तरनाक वायरस भारत में भी पहुंच गया है। कर्नाटक में एचएमपीवी के दो केस मिले हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( ICMR ) ने दोनों मामलों का पता लगाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी हैं।
बेंगलुरु में 8 महीने के बच्चे और 3 महीने की बच्ची में इस वायरस की पुष्टि हुई है।
बताया जा रहा है कि 3 महीने की बच्ची को इलाज़ के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि 8 महीने के बच्चे का इलाज़ अभी जारी है। दोनों को बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आईसीएमआर ने कहा है कि हालात पर केंद्र सरकार की नज़र है, किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है।
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चीन में एचएमपीवी वायरस तेज़ी से फैल रहा है। इसके प्रकोप को देखते हुए चीन के कई राज्यों में इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है। चीन के कई इलाकों में हालत बिगड़ गए हैं। चीन में एक बार फिर से मास्क वाला दौर लौट आया है। हजारों लोग इस वायरस की चपेट में है। बुजुर्ग और बच्चों में तेज़ी से संक्रमण फैल रहा है अस्पतालों के बाहर मरीजों की लाइन लगी हुई है। चाइल्ड वर्ड में सबसे ज़्यादा मरीज़ है।
चीन के हालात पर भारत की नज़र है। भारत सरकार भी इस वायरस को लेकर अलर्ट हो गई है। सरकार ने एचएमपीवी को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। सरकार ने सांस संबंधी लक्षणों और इन्फ्लूएंजा के मामले की बारीकी से निगरानी के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कहा है कि एमपीवी मामलों की जांच करने वाले लैब की संख्या बढ़ाई जाएगी। आईएमसीआर पूरे साल एचएमपीवी वायरस के रुझानों की निगरानी करेंगी।
भारत सरकार ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को निगरानी रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से भी ताज़ा अपडेट साझा करने के लिए कहा है। सरकार का कहना है कि वह सांस संबंधित बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
एचएमपीवी वायरस के लक्षण……
कोरोना जैस लक्षण…….
सांस लेने में परेशानी……
तेज़ बुखार और खांसी……
फेफड़े में संक्रमण…….
नाक बंद होना…..
गले में घरघराहट……
संपर्क में आने से फैलता है……
एचएमपीवी वायरस क्या है?……………
कहा जा रहा है कि एचएमपीवी वायरस पिछले कई दशकों से मौजूद हैं। (US centre for disease control and prevention) के मुताबिक, 2001 में पहली बार नीदरलैंड्स में इसकी पहचान हुई थी। सांस की बीमारी वाले बच्चों के सैंपल में वायरस की पुष्टि हुई थी। एचएमपीवी पैरामाइक्सोविरिडे परिवार का वायरस है। वायरस सभी मौसम में हवा में मौजूद होता है। संक्रमित लोगों के खांसने-छिंकने से फैलता है। इसके सर्दियों में ज़्यादा फैलने का ख़तरा है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी वायरस 1958 से व्यापक रूप से फैला हुआ था।
भारत का पहला एचएमपीवी केस……..
चीन में एचएमपीवी वायरस तेज़ी से फैल रहा है। जिससे अस्पताल दबाव में है। भारत सहित अन्य देश भी सतर्क है। वायरस कॉविड-19 जितना खतरनाक नहीं है। लेकिन बच्चों और बुजुर्गों को खतरा हो सकता है। भारत में अब तक कर्नाटक और गुजरात में एचएमपीवी के तीन मामले सामने आए हैं।
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