भाई – बहन बन गए जज, पिता चलाते हैं शराब का ठेका, मां है ग्रहणी।
बहन भाई की इस सफलता में उनके ताया न्याय विभाग से रिटायर्ड बृजलाल चंदानी का काफी योगदान है, इस तरह से चंदानी के परिवार के चार सदस्यों का न्यायिक सेवा से जुड़ाव हो गया है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। अनूपगढ़ के सगे भाई-बहन का आरजेएस में चयन हो गया। रायसिंहनगर क्षेत्र के गांव 10 पीएस के रहने वाले हैं, लवली चांदनी ने सातवीं रैंक और भाई अरुण कुमार चांदनी ने 103 वीं रैंक प्राप्त की। इनकी माता मोनिका और पिता घनश्याम चांदनी को इनकी सफलता पर नाज है। भाई – बहनों का कहना है कि माता-पिता और ताया की प्रेरणा से उन्होंने ही सफलता प्राप्त की है।
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भाई – बहन ने ताया को दिया सफलता का श्रेय-
अरुण और लवली ने कहा कि यदि संकल्प के साथ लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत की जाए तो सफलता जरूर मिलती है। दोनों की सफलता में उनके दया न्याय विभाग रिटायर्ड बृजलाल चंदानी का काफी योगदान है। इन दोनों के चचेरे भाई राजकुमार चांदनी विनय विभाग से रीडर के पद पर है। इस तरह से चांदनी परिवार के चार सदस्यों का न्यायिक सेवा से जुड़ाव हो गया है
दोनों भाई-बहन को दूसरे प्रयास में मिली सफलता-
दोनों भाई-बहन को दूसरे प्रयास में सफलता मिली, लवली और अरुण चांदनी के पिता शराब के ठेकेदार है, मां गृहिणी है। पिता घनश्याम दास चांदनी ने बताया कि उनकी पत्नी मोहिनी देवी गृहिणी है। उनके दो बच्चे हैं, दोनों पढ़ाई में शुरू से अव्वल रहे। उन्होंने बताया कि लवली और अरुण जयपुर में ही रहते थे।
भरतपुर जिले में दो सगे भाई बने जज-
भरतपुर जिले से करीब 7 लोगों का चयन हुआ है, जिसमें चार लड़की और तीन लड़के शामिल हैं, तीन लड़कों में दो सगे भाई लितेंद्र सिंह कांटया और सिद्धार्थ सिंह कांटया है। जिन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की हैं। बड़ा भाई लितेंद्र सिंह कांटया मैज 173 वीं रैंक तो छोटे बेटे सिद्धार्थ सिंह कांटया नाम 177 वीं रैंक हासिल की है। इनके पिता का कहना है कि उनका सपना सच हो गया।
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दोनों भाइयों ने अपने पिता के सपने को किया साकार –
दोनों भाई नगला बंध गांव के रहने वाले है इनके पिता जीत सिंह ने जुडिशियल में अधिकारी बनाने का सपना देखा था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। उन्होंने दोनों बेटों को जुडिशियल बनाने का सपना देखा था। अब दोनों बेटों ने एक साथ आरजेएस परीक्षा पास की। लितेंद्र सिंह कांटया और सिद्धार्थ सिंह कांटया ने कहा कि उन्होंने परिजन को दीपावली से पहले तोहफा दिया।