भगवान राम का सूर्य देव करेंगे तिलक, जाने क्या है इसके पीछे का विज्ञान

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम सूर्यवंशी थे, इसलिए सूर्य तिलक के परंपरा है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV9 भारत समाचार अयोध्या (उत्तर प्रदेश)।  रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम चरण में है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश में उत्साह का माहौल है। इन तैयारी के बीच भगवान राम की मूर्ति सूर्य तिलक के सामने आ रही है, आखिरकार सूर्य तिलक क्या होता है।

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सूर्य तिलक को लेकर इतनी चर्चा क्यों हो रही है। भगवान राम को सूर्य तिलक कब और किस समय किया जाएगा। इन सभी सवालों का जवाब आज मिलने वाला है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम सूर्यवंशी थे। इसलिए सूर्य तिलक की परंपरा है।

नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है। जो सूर्य के प्रकाश या दर्पण और लेंस का प्रयोग कर तैयार किया गया है। जिससे गर्भ ग्रह में भगवान राम की मूर्ति के माथे पर तिलक की किरण प्रकाशमान होगी। रामनवमी के मौके पर सूर्य की किरणें भगवान राम की मस्तिष्क पर पड़ेंगी।

जिससे उनका सूर्य तिलक होगा। भगवान राम की प्रतिमा पर सूर्य तिलक कब और किस समय होगा। इसको लेकर राम मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है। कि हर रामनवमी की तिथि पर सूर्य की किरण भगवान राम की प्रतिमा की मस्तिष्क पर तिलक करेगी।

नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रामनवमी पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें भगवान राम के मस्तिष्क पर तिलक करेगी। हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत और राजू दास ने बताया कि भगवान श्री राम सूर्यवंशी थे। इसलिए सूर्य तिलक की परंपरा है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के एक प्रोफेसर ने बताया कि राम मंदिर के संरचनात्मक डिजाइन सूर्य तिलक और संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी का कार्य संस्था के वैज्ञानिकों ने किया है।

राम मंदिर निर्माण में लगे एक वैज्ञानिक ने बताया कि हर साल रामनवमी के दिन भगवान राम की मूर्ति के माथे पर सूर्य की किरणों से तिलक होगा। इसके लिए राम मंदिर के तीसरी मंजिल से लेकर भगवान राम की मूर्ति तक पाइपिंग और ओप्टो मैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणों को पहुंचाया जाएगा।

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