बनारस में 406 सरकारी ज़मीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्ज़ा, सर्वे रिपोर्ट को मुसलमानों ने बताया गलत।
जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में वाराणसी में 1637 ज़मीन में वक्फ बोर्ड के नाम से मिली है। इनमें 1737 सुन्नी की और 100 ज़मीन शिया समुदाय की है। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से 406 ज़मीन सरकारी संपत्ति है। जिस पर वक्फ बोर्ड ने अपना कब्ज़ा किया है। एडीएम एफआर वनिता श्रीवास्तव ने बताया कि वाराणसी का सर्वे का काम पूरा हो गया है। जिसमें से 406 ज़मीन सरकारी है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार वाराणसी (उत्तर प्रदेश )।
ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 पर एक दिन पहले लखनऊ में बैठक हुई थी। बैठक में वक्फ की 78% ज़मीन सरकार की बताई गई है। इसी क्रम में वाराणसी में भी ज़िला प्रशासन ने वक्फ बोर्ड पर किए गए संपत्तियों का सर्वे रिपोर्ट शासन को भेज दिया गया है। जिसमें 406 जमीन सरकार के सामने आई है। जिला परिषद के इस रिपोर्ट बनारस के मुसलमान आपत्ति जाता रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में वाराणसी में 1637 ज़मीन वक्फ बोर्ड के नाम से मिली है। इनमें 1537 सुन्नी की और 100 ज़मीन शिया समुदाय की है। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से 406 जमीन सरकारी संपत्ति है। जिस पर वक्फ बोर्ड ने अपना कब्ज़ा कर लिया है।
एडीएम एफआर वनिता श्रीवास्तव ने बताया है कि वाराणसी के सर्वे का काम पूरा हो गया है। जिसमें से 406 ज़मीन सरकार की है। यह रिपोर्ट बनाकर वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा उत्तर प्रदेश शासन को भेज दी गई है। शासन से जो निर्देश आएंगे, उसे दिशा में कार्यवाही की जाएगी। वहीं प्रशासन की इस रिपोर्ट के सामने आने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोष जाहिर किया है। ज्ञानवापी के मुस्लिम वादी मुख्तार का कहना है कि यह रिपोर्ट गलत है। इतनी ज़मीन सरकार की नहीं हो सकती हैं। इस रिपोर्ट को गलत बनाया गया है। वक्फ बोर्ड के ज़मीनों का केस देखने वाले अधिवक्ता जिशान आलम का कहना है कि पहले जो रिपोर्ट बनाई गई है, उसे सार्वजनिक किया जाएं, उसके बाद तथ्यों का मिलान होंगा।
यह भी पढ़ें – महाकुंभ में जाने वाली यात्रियों की सुविधा के लिए जुटा, रीवा का प्रशासन।