घट रहा है बहराइच का जलस्तर यूकेलिप्टस के रोपण और मेंथा की खेती पर लगे प्रतिबंध
कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के सभागार में प्रगतिशील कृषकों एवं कृषि आधारित रोजगार प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागियों का समागम समारोह आयोजित
बहराइच। कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के सभागार में आज गुरुवार को जनपद के प्रगतिशील कृषकों एवं कृषि आधारित रोजगार प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागियों का समागम समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अलावा कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सहभाग किया और जनपद में बेहतर कृषि उत्पादन व स्थानीय कृषि उत्पादकता आधारित रोजगार सृजन के बारे में विस्तृत चर्चा-परिचर्चा किया।
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कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच की ओर से आयोजित किसान समागम समारोह को संबोधित करते हुए कृषि महानिदेशक (उपकार) डॉ० संजय सिंह ने कहा कि, बहराइच की धरती प्राकृतिक कृषि उत्पादन के लिए सर्वथा अनुकूल है यहाँ पर कृषि वैज्ञानिकों से समन्वय व सवांद बनाकर खेती करने से खेती किसानी लाभप्रद बनेगी। महानिदेशक (उपकार) ने बताया कि , जनपद में शीघ्र ही केला प्रसंस्करण के लिए बहुउपयोगी संयंत्र लगाया जाएगा साथ ही बेहतर कृषि प्रबंधन व रोजगार के लिए किसानों को बाँस की नर्सरी उपलब्ध करवाई जाएगी।
किसान परिषद संरक्षक संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने कृषि उच्चाधिकारियों को अवगत कराया कि, तराई का जल स्तर घटता जा रहा है इसके लिए आवश्यक है कि तत्काल प्रभाव से यूकेलिप्टिस के पेड़ रोपण पर प्रतिबंध लगाए जाएं व मेंथा खेती को समाप्त किया जाए।
किसान परिषद संयोजक ने किसानों का आवाहन किया कि वे “विषमुक्त खेती नशामुक्त गाँव” महाअभियान में सहभाग करें ताकि हमारी खेती जल व जलवायु विषाक्त होने से बच सके और हम निरोगी बने रह सके साथ ही पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण भी अधिकाधिक संख्या में किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या के निदेशक (प्रसार) डॉ. आरआर सिंह, केवीके बहराइच प्रभारी (वरिष्ठ वैज्ञानिक) डॉ. केएम सिंह , सीआरएस प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, उद्यान प्रभारी डॉ. पीके सिंह, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, प्रगतिशील कृषक जेके सुखिया, कृषि विज्ञानी अखिलेश श्रीवास्तव, विवेक कुमार सक्सेना, समाजसेवी धीरेंद्र शर्मा, पर्यावरणविद पंकज श्रीवास्तव, पंकज वर्मा समेत सैकड़ों कृषक व प्रशिक्षार्थी कृषक उपस्थित रहे।
समापन अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में किसान परिषद के तत्वावधान में पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सामूहिक संकल्प लिया गया और कृषि ड्रोन परियोजना आधारित संयंत्र का प्रदर्शन भी किया गया।
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