अर्पणा यादव ने दिल्ली पार्टी मुख्यालय पहुंच कर पार्टी महासचिव सुनील बंसल से मुलाकात की
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है, जिसमें 250 से ज्यादा उम्मीदवारों को ऐलान कर दिया गया है।
मुकेश कुमार (क्राइम ऐडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने दुसरी लिस्ट भी जारी कर दी हैं। बीजेपी की इन दो सूची में 250 से ज्यादा उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है। इन्हीं सब के मद्देनजर अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो राज्य में अभी भी कई ऐसी सीटें हैं जिन पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की गई है। साथ ही कई ऐसे नेता भी हैं जिनको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इन पर दांव खेल सकती हैं। इन्हीं में से एक नाम है मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अर्पणा यादव का।
यह भी पढ़ें : जयप्रदा मुरादाबाद की एमपी/ एमएलए कोर्ट में पेश हुई
अर्पणा यादव यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से वागवत करके बीजेपी में शामिल हो गई थी। तब से उन्हें पार्टी में कोई पाद न मिलने के कयास लगाए जाने लगे थे। हालांकि तब से अब तक उन्हें कोई पद नहीं मिला है। विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि भाजपा लखनऊ की किसी सीट से अर्पणा यादव को प्रत्याशी बन सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ अर्पण यादव को लोकसभा टिकट मिलने को लेकर उस वक्त चर्चाओं का बाजार और ज्यादा गर्म हो गया जब बुधवार को अर्पण ने दिल्ली पार्टी मुख्यालय पहुंचकर पार्टी महासचिव सुनील बंसल से मुलाकात की।
इस मुलाकात की तस्वीर अर्पणा यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर खुद शेयर की, जिसमें वह सुनील बंसल के साथ दिखाई दे रही हैं। हालांकि अर्पणा यादव ने भाजपा महासचिव से हुई इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। उन्होंने तस्वीरों के साथ लिखा है आदरणीय सुनील बंसल जी से शिष्टाचार भेंट की मुलाकात के दौरान अर्पणा यादव काफी खुश दिखाई दे रही हैं। यह तस्वीर ऐसे समय में आई है जब लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है। ऐसे में उन्हें लेकर कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।
आपको बता दें कि अर्पणा यादव को बीजेपी में शामिल हुए 2 साल हो गए हैं। लेकिन अभी तो वह बीजेपी में एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर ही कार्य कर रही हैं। कई बार उनके चुनाव लड़ने की चर्चा हुई तो लेकिन पार्टी ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी और नहीं चुनाव लड़ने का मौका दिया है। आपको बता दे की लोकसभा चुनाव में अर्पणा यादव की भूमिका और चुनाव लड़ने पर जब भी सवाल किए गए तो भाजपा नेता इसे टालती रही। सितंबर 2023 में भी अर्पणा यादव ने बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। उस वक्त उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष और संगठन मंत्री सुनील बंसल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद लखनऊ में इसके अलग-अलग मायने निकाले गए थे।
तब अर्पण ने कहा था, बीजेपी एक बड़ी और राष्ट्रीय पार्टी है। उन्हें पार्टी की तरफ से जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी वह निभाएंगीं। अर्पणा यादव का कहना है कि आगामी चुनाव के लिए उनकी जिम्मेदारी भाजपा तय करेगी। पार्टी का लीडरशिप जो भी आदेश देगा अर्पणा यादव उसके लिए तैयार हैं। काफी वक्त से चर्चा यह भी है कि बीजेपी अर्पण को यादव परिवार की सीटों पर लड़ना चाहती है। लेकिन अर्पणा यादव पहले ही पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपनी कुछ भावनाओं से अवगत करा चुकी हैं। जिसमें यादव परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ चुनाव ना लड़ने की बात की गई है। यहां तक की बड़े नेताओं खासकर अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव, डिंपल यादव आदि के खिलाफ चुनाव प्रचार से भी वह परहेज करेंगीं। मैनपुरी में जब डिंपल यादव चुनाव लड़ रही थी तब भी अर्चना ने यहां उनके खिलाफ प्रचार नहीं किया था।
यह भी पढ़ें :जयप्रदा मुरादाबाद की एमपी/ एमएलए कोर्ट में पेश हुई