अंतरिक्ष से धरती पर आएगी बिजली
एक ब्रिटिश स्टार्टअप भी 2030 तक स्पेस में मौजूद सेटेलाइट के जरिए पृथ्वी पर बिजली सप्लाई करने जा रहा है, यह कंपनी 2030 तक पहला डेमोंस्ट्रेटर सैटेलाइट भेज कर आइसलैंड को बिजली सप्लाई शुरू करना चाहती है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV9 भारत समाचार (देश दुनिया)। एक ब्रिटिश स्टार्टअप भी 2030 तक स्पेस में मौजूद सेटेलाइट के जरिए पृथ्वी पर बिजली सप्लाई करने जा रहा है। यह कंपनी 2030 तक पहला डेमोंस्ट्रेटर सैटेलाइट भेज कर आइसलैंड को बिजली सप्लाई शुरू करना चाहती है। यह दुनिया में इस रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स का पहला वाकया होगा।
अंतरिक्ष से धरती पर कैसे सप्लाई होगी बिजली?
यह स्पेस सोलर पावर प्रोजेक्ट UK की स्पेस सोलर, राइक जैविक एनर्जी और आइसलैंड के सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव ट्रांजिशन लैब के बीच जिम्मेदारी है। कंपनी की योजना के लिए 6 माह में पहला सैटेलाइट लॉन्च करने की है।
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जो धरती पर साफ- सुथरी 30 मेगावाट ऊर्जा की बीम छोड़ेगा। इसकी बिजली से करीब 3000 घर रोशन हो सकते हैं। जमीन पर लगे रिसीविंग एंटीना इस ऊर्जा को इकट्ठा करेंगे और उसे बिजली में बदलकर पावर ग्रिड में भेजेंगे।
मौसम कैसा भी हो, स्पेस से 24×7 होगी बिजली सप्लाई-
सोलर पैनल्स को मिलाकर यह सैटेलाइट करीब 400 मीटर चौड़ा होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, सैटेलाइट का वजन 70.5 टन हो सकता है। यह 2,000 और 36,000 किलोमीटर के बीच की ऊंचाई पर एक निकट अंतरिक्ष क्षेत्र है। इस साझेदारीका लक्ष्य 20 36 तक ऐसे 6 अंतरिक्ष आधारित सौर ऊर्जा स्टेशन की फ्लीट तैयार करने का है।
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यह फ्लीट धरती पर लोगों को 24×7 कई गीगावॉट साफ बिजली सप्लाई करने में सक्षम होगी । यह पावर प्लांट 15 गीगावॉट से ज्यादा एनर्जी सप्लाई करने लायक हो सकते हैं।
कितना खर्च आएगा? नहीं होगा फॉल्ट-
स्पेस सोलर के मुताबिक, पहले पावर प्लांट को बनाने में 800 मिलियन का खर्च आएगा। कंपनी ने कहा है कि यह सिस्टम परमाणु ऊर्जा की लागत का लगभग एक चौथाई यानी 2.25 बिलियन डॉलर प्रति गीगावॉट की दर से बिजली उपलब्ध कराएगा। पृथ्वी पर फोटोवोल्टिक और विंड टर्बाइनों के उलट, सैटेलाइट बिजली घरों में रुक रुक कर बिजली उत्पादन की समस्या नहीं होगी। यह सैटेलाइट दिन के समय यह मौसम की स्थिति परवाह किए बिना लगातार बिजली का उत्पादन करेंगे।
मस्क की कंपनी लेकर जाएगी यह सैटेलाइट-
स्पेस सोलर ने जो प्लान बनाया है, उसके अनुसार 30 मेगावाट के हर सोलर फॉर्म को स्पेसएक्स के स्टारशिप मेगा रॉकेट द्वारा एक ही लॉन्च में कक्षा में पहुंचा जाएंगा। स्पेस एक्स दुनिया की सबसे अमीर व्यक्ति एलनमस्क की एयरोस्पेस कंपनी है। 165 टन तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा मेंले जाने की क्षमता के साथ, स्टारशिप ने लांच की लागत को खासा कम किया है।