अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना, भाजपा राज में मीडिया के मनोबल के एनकाउंटर का हर हथकंडा अपनाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। जिले में पत्रकार की चाकू से गोदकर हत्या के मामले में योगी सरकार को घेरा था।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा कि एक पत्रकार की हत्या और पत्रकारों को निर्वस्त्र करके पीटना मीडिया के मनोबल के एनकाउंटर का हर हर हथकंडा अपनाया जा रहा है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक पर पोस्ट कर कहा है कि एक पत्रकार की हत्या, पत्रकारों पर दबाव बनाना, पत्रकारों को महीना बांधना, पत्रकारों पर FIR कराना, पत्रकारोंको निर्वस्त्र करके मारना, पत्रकार को अवांछित पेय‌‌ पान कराना, भाजपा राजेंद्र मीडिया के मनोबल के एनकाउंटर का हर हथकंडा अपनाया जा रहा है।

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पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें कुछ लोग है एक व्यक्ति को निर्वस्त्र करके पीटते हुए नजर आ रहे थे। वीडियो हमारपुर जिले‌ का बताया जा बताया जा रहा है। अखिलेश यादव की पोस्ट पर लोग कमेंट करके अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। इससे दो दिन पहले पूर्व सीएम अखिलेश यादव मैं फतेहपुर जिले में पत्रकार की चाकू से गोदकर हत्या के मामले में योगी सरकार को घेरा था। अखिलेश यादव ने एक पर पोस्ट कर कहा था, की उप्र में अतिभ्रष्ट शासन के चिराग राष्ट्रीय प्रशासन का अंधेरा नहीं, अंधेरगर्दी है।

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फतेहपुर में एन आई के एक पत्रकार की चाकू व गोली मारकर हत्या कर कर दी गई। तथा भाजपा के शासनकाल में अंधेर नगरी बनाने में एक और काले अध्याय के रूप में जुड़ गई है।

अखिलेश यादव ने कहा था कि उप्र मैं जनता देख रही है कि किस तरह हर शहर, गली ,मोहल्ले में जमीनों पर कब्जे, प्लांटिंग, रंगदारी वसूली में भाजपाई लोग संलिप्त है। हर अपराध और गोरख धंधे के पीछे शासन से नलबध्द संबंध रखने वाले भाजपा के ही गुर्गे हैं। भाजपा सरकार ने अपनी बेईमानी में पुलिस को पार्टनर बना लिया है। जो पुलिस वाले ईमानदारी ,जिम्मेदारी से काम करना चाहते हैं। उन्हें केंद्र भूमिका से दूर भेज कर साइड लाइन कर दिया गया है। पचासों पायदान नीचे के कनिष्ठों को वरिष्ठ पदों पर बैठक अच्छे पुलिस अधिकारियों से पदोन्नति के अवसर छीनकर उनका मनोबल तोड़ा गया है। इसलिए उप्र में कानून व्यवस्था की इतनी दुर्गत अवस्था है।