यूपी में 1 अप्रैल से एक ही जगह बिकेगी बियर-अंग्रेजी शराब, 25,677 दुकानें आवंटित, प्रयागराज में भी करोड़ों में बिकी शराब की दुकानें
नई आबकारी नीति के तहत पहली बार कंपोजिट शॉप का आवंटन
रिपोर्ट : विजय कुमार पटेल/राजीव कृष्ण श्रीवास्तव : लखनऊ : प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शराब की दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ई-लॉटरी सिस्टम लागू किया है। इसी के तहत, अगले वित्तीय वर्ष के लिए 25,677 शराब की दुकानों का आवंटन किया गया है। इस बार नई आबकारी नीति के तहत पहली बार कंपोजिट शॉप (जहां बियर और अंग्रेजी शराब दोनों एक ही दुकान में मिलेंगी) का भी आवंटन किया गया है।
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गुरुवार को आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के नेतृत्व में आबकारी विभाग ने राज्य में शराब और भांग की दुकानों के लाइसेंस के लिए पहले चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया पूरी की। इस प्रक्रिया में आवेदकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे और फिर लॉटरी के जरिए दुकानों का आवंटन किया गया।
दुकानों और मॉडल शॉप का आवंटन
इस बार राज्यभर में कुल 25,677 शराब की दुकानें आवंटित की गई हैं, जिनमें –
– देसी शराब की दुकानें – 15,906
– कंपोजिट शॉप (अंग्रेजी शराब और बियर)** – 9,341
– मॉडल शॉप – 430
– भांग की दुकानें – 1,317
लखनऊ में हुई ई-लॉटरी में कुल 543 देसी शराब की दुकानें, 400 कंपोजिट शॉप, 56 मॉडल शॉप और 42 भांग की दुकानें आवंटित की गई हैं।
दूसरे चरण में होगा नई दुकानों का आवंटन
पहले चरण में दुकानों के आवंटन से राज्य सरकार को 4,278.80 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस मिलेगी। वहीं, दूसरे चरण में 146 देसी शराब की दुकानें, 21 कंपोजिट शॉप, 142 भांग की दुकानें और 5 मॉडल शॉप का आवंटन किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि शराब की दुकानों के आवंटन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरी की गई है। ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली अपनाने से आवंटन में किसी भी तरह की धांधली की संभावना को खत्म किया गया है।
यूपी में शराब से बंपर कमाई का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश सरकार का मकसद इस बार शराब बिक्री से 50,000 करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने शराब बिक्री से 43,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।
हालांकि, उत्तराखंड प्रति व्यक्ति आबकारी राजस्व के मामले में यूपी से आगे है। वहां प्रति व्यक्ति औसत योगदान 4,217 रुपये है, जबकि कुल आबकारी राजस्व 5,000 करोड़ रुपये के करीब है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उत्तराखंड की आबादी और राजस्व का यूपी से तुलनात्मक विश्लेषण किया जाए तो यूपी का आबकारी राजस्व 1 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए, लेकिन फिलहाल इसे 50,000 करोड़ रुपये तक रखने का लक्ष्य रखा गया है।
जानिए कैसे होती है ई-लॉटरी प्रक्रिया?
शराब की दुकानों के लिए ई-लॉटरी एक ऑनलाइन प्रक्रिया है, जिसमें आवेदन करने वाले इच्छुक व्यवसायियों का डिजिटल लॉटरी के जरिए चयन किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होती है।
– आवेदकों को पंजीकरण स्लिप या आईडी कार्ड दिखाकर ही प्रवेश दिया जाता है।
– एक आवेदक को अधिकतम दो दुकानें आवंटित की जा सकती हैं।
– यह दुकानें एक ही जिले में या अलग-अलग जिलों में भी हो सकती हैं।
प्रयागराज में महंगी शराब दुकानें, करोड़ों में बिकी मॉडल शॉप
प्रयागराज में जिला पंचायत सभागार में ई-लॉटरी के जरिए दुकानों की नीलामी हुई। यहां कुछ शराब दुकानों की कीमत करोड़ों में पहुंच गई –
- दारागंज की देसी शराब की दुकान – ₹5.07 करोड़
- राजरूपपुर देसी शराब की दुकान – ₹3.88 करोड़
- राजापुर की देसी शराब की दुकान – ₹3.67 करोड़
मॉडल शॉप्स भी ऊंची कीमतों पर बिकीं –
- एमजी मार्ग मॉडल शॉप – ₹1.18 करोड़
- महेवा रोड मॉडल शॉप – ₹1.13 करोड़
- लाउदर रोड मॉडल शॉप – ₹1.13 करोड़
- स्टैनली रोड मॉडल शॉप – ₹1.35 करोड़
- बाई का बाग मॉडल शॉप – ₹1.03 करोड़
- सिविल लाइंस मॉडल शॉप – ₹1.01 करोड़
सबसे महंगी कंपोजिट शॉप लाउदर रोड की रही, जिसकी नीलामी ₹46.65 लाख में हुई। वहीं, भांग की सबसे महंगी दुकान सिविल लाइंस में ₹20.55 लाख में बिकी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री और लाइसेंस प्रक्रिया को डिजिटली पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली अपनाई है। इससे न केवल सरकारी राजस्व बढ़ेगा, बल्कि अनियमितताओं पर भी रोक लगेगी। आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार का 50,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य है, जिसे पूरा करने के लिए रणनीतिक नीति अपनाई जा रही है।
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