भागलपुर में शराब माफिया को 5 साल की सजा, 1 लाख जुर्माना
अदालत का बड़ा फैसला, अवैध शराब कारोबार पर कसा शिकंजा
रिपोर्ट: अमित कुमार : भागलपुर :बिहार। बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद अवैध शराब का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में भागलपुर जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र से जुड़े एक मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अवैध शराब तस्करी में दोषी पाए गए रामप्रसाद मंडल को 5 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यदि वह जुर्माना नहीं चुकाते हैं, तो 3 महीने की अतिरिक्त जेल भुगतनी होगी। इस फैसले से शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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भागलपुर के व्यवहार न्यायालय ने शराब माफिया के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है। परबत्ता थाना क्षेत्र के कांड संख्या 148/2022 एवं विशेष उत्पाद वाद संख्या 5553/22 में दोषी पाए गए रामप्रसाद मंडल को 5 साल की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा दी गई है। यदि जुर्माने की राशि नहीं चुकाई जाती है, तो उसे 3 महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई थी गिरफ्तारी
इस पूरे मामले की जानकारी अधिवक्ता भोला मंडल ने दी। उन्होंने बताया कि 18 नवंबर 2022 को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक टोटो में भारी मात्रा में विदेशी शराब ले जाई जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टोटो (रजिस्ट्रेशन नंबर: BR 10ER 1764) को रोककर तलाशी ली, जिसमें बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई।
बिहार में शराबबंदी कानून के तहत मिली सजा
बिहार में शराबबंदी कानून के तहत बिहार मध्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 30(A) के अंतर्गत रामप्रसाद मंडल को दोषी ठहराया गया। अदालत ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए 5 साल की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माने का आदेश सुनाया।
प्रशासन ने कहा – अवैध शराब कारोबार पर रहेगा सख्त पहरा
इस फैसले के बाद पुलिस और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध शराब के कारोबार को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस लगातार ऐसे मामलों पर नजर बनाए हुए है और शराब तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
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