बाढ़ से बचाव की तैयारी: मानसून से पहले ही जारी हुआ टेंडर

नेपाल के गंडक नदी पर बचाव कार्य शुरू, तटबंधों की मरम्मत पर जोर

रिपोर्ट : मुकेश साहनी : महराजगंज। जिले में हर साल आने वाली बाढ़ से बचाव के लिए इस बार प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है। मानसून के आने से पहले ही तटबंधों की मरम्मत और सुरक्षा कार्यों के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खासतौर पर नेपाल के बड़ी गंडक नदी के तटबंधों को मजबूत करने के लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि नेपाल में बारिश होते ही जिले की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ जाता है, जिससे तटबंधों पर दबाव बढ़ जाता है और बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

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नेपाल में भी होंगे बचाव कार्य, गंडक नदी पर आठ प्रमुख परियोजनाएँ शुरू

Preparation to prevent floods: Tenders released before monsoonनेपाल के नवल परासी जिले में बड़ी गंडक नदी के दाएं तट पर स्थित बी. गैप तटबंध की मरम्मत का काम किया जाएगा। इस परियोजना के तहत वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बी. गैप कॉलोनी में ट्रांजिट कैंप का निर्माण भी किया जाएगा। सिंचाई विभाग ने इस नदी पर कुल आठ प्रकार के बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए टेंडर जारी किए हैं, जिससे आने वाली बारिश के दौरान पानी का बहाव नियंत्रित किया जा सके।

गंडक नदी के अंतरराष्ट्रीय बांध की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

जिले से होकर गुजरने वाली गंडक नदी का अंतरराष्ट्रीय बांध सबसे अधिक संवेदनशील माना जाता है। शासन ने इसके सुधार कार्यों के लिए विशेष बजट आवंटित किया है। बाल्मीकिनगर बैराज से आने वाला पानी बी. गैप के ठोकरों पर सीधा दबाव डालता है, जिससे तटबंध टूटने का खतरा बना रहता है। इस खतरे को कम करने के लिए स्पर संख्या 14, 6 और 7 सहित अन्य हिस्सों पर टेट्रापॉड और एजेक्रेटिंग का काम किया जाएगा।

सड़कों और तटबंधों की मरम्मत पर भी होगा कार्य

सिर्फ तटबंध ही नहीं, बल्कि बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उपयोग में आने वाली सड़कों की मरम्मत भी की जाएगी। ए. गैप तटबंध पर किमी 0.000 से किमी 2.500 तक सड़क पुनर्निर्माण कार्य होगा, जबकि बी. गैप तटबंध के स्पर संख्या 11 का भी पुनर्निर्माण किया जाएगा।

1962 की बाढ़ के बाद बना था त्रिवेणी बैराज

1962 में आई भीषण बाढ़ को देखते हुए भारत सरकार ने नारायणी नदी पर त्रिवेणी के पास 36 फाटक वाले बैराज का निर्माण कराया था। इस बैराज से नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित किया जाता है, लेकिन समय के साथ कई तटबंधों की स्थिति कमजोर होती गई। इनकी मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार संयुक्त रूप से कार्ययोजना बना रही हैं।

प्रशासन का दावा – इस बार बाढ़ से पहले पूरी हो जाएंगी तैयारियां

प्रशासन का कहना है कि इस बार मानसून से पहले ही सभी आवश्यक बचाव कार्य पूरे करने की कोशिश की जाएगी, ताकि लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके। नेपाल में भी बचाव कार्यों को तेज किया गया है, जिससे दोनों देशों को बाढ़ से राहत मिल सके।

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