बहराइच में 1.33 लाख बच्चों और गर्भवती महिलाओ का पोषाहार डकार गए जिम्मेदार
बहराइच के पांच ब्लाकों के आंगनबाड़ी केंद्रों का सितंबर माह का गायब है पोषाहार
बहराइच। प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों में बहराइच शामिल है। जिले से कुपोषण मिटाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रो का संचालन हो रहा है। आंगनबाड़ी केदो पर बच्चों, गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को सुपोषित करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से पोषाहार योजना संचालित है। लेकिन बहराइच में योजना को भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। आकांक्षात्मक जनपद होने के बावजूद प्रति माह पोषाहार आंगनबाड़ी केदो पर नहीं पहुंच रहा। हाल यह है कि जिले के पांच विकास खंडों का सितंबर माह का पोषाहार ही गायब है। जो पोषाहार गायब है उससे लगभग 1.33 लाख बच्चे लाभान्वित होते। लेकिन पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। शासन का सुपोषित प्रदेश का दावा भी तार-तार हो रहा है।
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बहराइच में 14 विकासखंड और 15वां शहरी क्षेत्र स्थित है। इस आकांक्षात्मक जिले में 3472 आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित हैं। इन आंगनबाड़ी केन्द्रो में 0से 6 साल तक के लगभग चार लाख बच्चे पंजीकृत हैं। वहीं 3 से 6 साल के बच्चों की संख्या इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगभग 1.34 लाख है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केदो पर गर्भवती और धात्री महिलाएं भी पंजीकृत है।
ग्रामीण अंचलों में अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्रो पर कागजों में भले ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के सुपोषित होने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। गांव में अधनंगे बच्चे कुपोषण की गिरफ्त में दिख जाएंगे। बहराइच में आंगनबाड़ी केन्द्रो की व्यवस्था को घुन लग गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां प्रति माह समीक्षा कर आंगनबाड़ी केन्द्रो की व्यवस्था की नब्ज टटोलते हैं वहीं बहराइच में आंगनबाड़ी केंद्रों पर “आल इज वेल” का ढिंढोरा पीटने वाले जिम्मेदारों के नाक के नीचे पोषाहार में खेल खेला जा रहा है।
आपको बता दें कि बहराइच में सितंबर माह में विकासखंड तेजवापुर, मिहींपुरवा, कैसरगंज समेत पांच विकास खंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषाहार भेजा ही नहीं गया। जिसके चलते इन पांच ब्लाकों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर नामांकित बच्चों और महिलाओं को पोषाहार का वितरण ही नहीं हो सका। इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी राज कपूर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
अब सवाल यह उठता है कि आकांक्षात्मक जनपद होने के बावजूद इस तरह की लापरवाही क्यों बरती जा रही है, पांच विकास खंडों के लाखों बच्चों और गर्भवती महिलाओं का सितंबर माह का पोषाहार डकारने वाला जिम्मेदार आखिर कौन है। इस मामले में अधिकारी चुप्पी क्यों साधे हुए है, क्या अधिकारियों का भी हिस्सा इस पोषाहार घोटाले में शामिल है। ऐसे कई सवाल है जो पांच विकास खंडों का सितंबर माह का पोषाहार गायब होने के बाद लोगों के जेहन में उठ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी नहीं सुनते जिले के जिम्मेदार अधिकारी
बहराइच के तेजबापुर और मिहींपुरवा ब्लॉक क्षेत्र के मनोज कुमार, राजेश, मीना, प्रभावती, संतोष, छाया अंजनी समेत डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजकर बहराइच में प्रतिमाह पोषाहार वितरण में हो रही धांधली से अवगत कराया है। शिकायतकर्ताओं ने यह भी कहा है कि जिला मुख्यालय पर शिकायत करने पर जिम्मेदार अधिकारी शिकायत को अनसुना कर कर किनारा कर लेते हैं। सभी में इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करवा कर घोटाला करने वाले अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही करने की आवाज उठाई है। शिकायत कर्ताओं ने कार्यवाही न होने पर प्रदर्शन और आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
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