साहित्य तीर्थ का निर्माण करेगी लोकमंगल यात्रा : शैलेन्द्र
आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जयंती पर कबीर के निर्वाण भूमि से तुलसी जन्मभूमि निकाली जाएगी लोकमंगल यात्रा
गोंडा। साहित्य के भूगोल की यह समझ एकांगी है कि उसमें केवल साहित्य के अंतर्वस्तु में भौगोलिक स्थितियों की तलाश की जाए, बल्कि साहित्यकार के जन्म-स्थान और परिवेश को शामिल किया जाना जरूरी है। यह बाते शहर के डा सम्पूर्णानंद टाउन हॉल में को देर सायं ‘एक शिक्षक की लोकमंगल यात्रा’ विषयक परिसंवाद में शैलेन्द्र शून्यम् ने कही।
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एलबीएस कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं शोध केंद्र के निदेशक प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र ने अपने नाम से नाथ और मिश्र को हटाने की घोषणा करते हुए कहा कि मनुष्य, प्राणि-जगत, वनस्पति जगत, समस्त ग्रह मंडल सभी तारे शून्य के अतिरिक्त कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि संत कबीर, आचार्य रामचंद्र शुक्ल और गोस्वामी तुलसीदास का संबंध मात्र 150 किमी के भूगोल से गहरे स्तर पर जुड़ा है। प्रो. मिश्र ने कहा चार अक्टूबर को आचार्य रामचंद्र शुक्ल के जन्मदिवस पर कबीर की निर्वाण स्थली मगहर, संत कबीरनगर से वाया अगौना तुलसीदास की जन्मस्थली सूकरखेत, गोंडा तक एक लोकमंगल यात्रा संपन्न होगी। साहित्य की यह लोकमंगल यात्रा निर्गुण से सगुण की ओर, मृत्यु से जन्म की ओर, गोरक्ष प्रान्त से गोनर्द भूमि की ओर संपन्न होने वाली यह यात्रा एक नये साहित्य तीर्थ का निर्माण करेगी।
सेवानिवृत्ति प्राध्यापक डॉ मिथिलेश मिश्र ने शून्य साधना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दार्शनिक स्तर पर शून्य ही सत्य है।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार ने इस अवसर पर कहा कि अंतरिक्ष में समस्त नीहारिकाएं शून्य ही है। बस्ती और संत कबीर नगर के साथ ही गोंडा से मेरा गहरा जुड़ाव है और यह यात्रा मुझे रोमांचित कर रही है।
कॉलेज प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह और सचिव उमेश शाह ने प्रोफेसर मिश्र को लोकमंगल यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. मंशाराम वर्मा ने माँ सरस्वती की वंदना करते हुए परिसंवाद के प्रतिभागियों का स्वागत किया।
ऑक्टा के महामंत्री प्रो. जितेंद्र सिंह ने एक शिक्षक की लोकमंगल यात्रा के लिए प्रो. मिश्र का अभिनन्दन किया। हिन्दी विभाग के प्रो. जयशंकर तिवारी के परिसंवाद-संचालन में सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. डी.के. गुप्त, डॉ. ओंकार पाठक, किसान डिग्री कॉलेज बहराइच के हिंदी प्राध्यापक डॉ. नीरज पांडेय, साकेत महाविद्यालय में जंतु विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. अरविंद शर्मा, प्रो. संजय कुमार पांडेय, प्रो. बी.पी. सिंह, प्रो. राम समुझ सिंह, प्रो. राव, डॉ. रंजन शर्मा, डॉ. रेखा शर्मा, डॉ. संतोष श्रीवास्तव, डॉ. ममता शुक्ला ने भी प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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