तीन तलाक व हलाला जैसी कुरीतियों से बचने के लिए शीबा बनी राधिका

मां बंगलामुखी मंदिर में प्रेमी के साथ राधिका ने लिए सात फेरे

सीतापुर। मानपुर थाना क्षेत्र के पखरिया गांव की रहने वाली शीबा अब राधिका बन चुकी है। उसने अपने गांव के प्रेमी रामू से लव मैरिज कर लिया है। हिंदू धर्म अपनाने के बाद शीबा का कहना है कि मैंने हलाला और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से बचने के लिए ये कदम उठाया है। मुझको इन चीजों से नफरत है। मैं मुस्लिम समाज की और बहनों से कहूंगी कि आकर हिंदू लड़के से शादी करें और इज्जत-सम्मान के साथ अपना जीवन बिताएं।
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राधिका बनी शीबा का कहना है, मुझे बचपन से हिंदू धर्म में होने वाली रस्में अच्छी लगती थी। मैंने अपने परिवार और रिश्तेदारी में देखा है। कैसे लड़कियों को दबाकर रखा जाता है। बात-बात पर उनको रोका-टोका जाता है। वहीं हिंदू धर्म में सबको खुलकर जीने का अधिकार है। मैं भी अब खुलकर अपने पति के साथ अपना जीवन बिता पाऊंगी।

शीबा और रामू ने मंगलवार देर शाम भुइयां ताली तीर्थ पर स्थित मां बंगलामुखी मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी की है। बड़ी संगत खैराबाद के महंत बजरंग मुनि की देखरेख में यह शादी करवाई गई। शादी के बाद दोनों ने भगवान और महंत का आशीर्वाद लिया। शादी में रामू के परिवार वाले शामिल हुए। वहीं शीबा के परिवार से कोई नहीं आया। शादी के बाद दोनों बहुत खुश नजर आए।

शादी के बाद रामू ने बताया, मेरा और शीबा का डेढ़ साल से अफेयर चल रहा था। हम दोनों एक ही गांव के हैं। घर की दूरी भी ज्यादा नहीं है। साथ में काफी समय बिताने के बाद हमने शादी का फैसला लिया। हम जानते थे हमारे घर वाले इसके लिए राजी नहीं होंगे, फिर भी हमने एक बार उनसे बात की और अपने रिश्ते के बारे में सब कुछ बताया।

लेकिन वो नहीं माने, जिसके बाद हमने महंत बाबा बजरंग मुनि से मुलाकात की, उनसे मदद मांगी। उन्होंने हमसे जल्द ही शादी करवाने का वादा किया। उसके बाद 5 सितंबर की डेट शादी के लिए अच्छी बताई। हम दोनों अपने-अपने घरों से उनकी बताई गई जगह पर पहुंच गए और वहां हमने शादी कर ली।

वरमाला डाल कर लिए अग्नि के सात फेरे

शादी से पहले शीबा ने हिंदू धर्म स्वीकार किया। उसके बाद उसको राधिका नाम दिया गया। नामकरण के बाद प्रेमी युगल की विधि विधान और रीति-रिवाज से शादी करवाई गई। बाबा बजरंग मुनि की देखरेख में दोनों ने एक दूसरे को वरमाला डाली और अग्नि के सात फेरे लिए। रामू ने राधिका की मांग में सिंदूर भरा और मंगलसूत्र पहनाया। दोनों ने सबके सामने हमेशा एक-दूसरे के साथ रहने की कसम खाई है। दोनों की शादी के मौके पर गांव के लोग भी मौजूद रहे।

राधिका का पति रामू गांव में ही मजदूरी करता है। वहीं राधिका कुछ नहीं करती है। राधिका की उम्र 19 साल है। वहीं रामू 22 साल का है। दोनों की शादी से रामू के परिवार वाले खुश हैं। रामू के परिवार का कहना है, दोनों ने अपने मन से शादी की है। हम लोगों को शीबा को अपनाने में कोई परेशानी नहीं है। अब वो हमारे घर की बहू बन गई है। उसकी सुरक्षा करना और उसको खुश रखना हमारी जिम्मेदारी है। हमें शीबा पसंद है। वहीं शीबा के परिवार से कोई भी बेटी की शादी में शामिल नहीं हुआ है।
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