अब कहीं कोई झगड़ा न दंगा रहे, हर शहर गाँव हर घर तिरंगा रहे

साहित्यकार रमेश तिवारी के आवास पर राष्ट्रवादी कवि सम्मलेन का हुआ आयोजन

बहराइच। आजादी के अमृत महोसव में ‘हर घर झंडा, हर घर तिरंगा’ के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के तत्वावधान में रमेश चन्द्र तिवारी के निवास पर राष्ट्रवादी कवि सम्मलेन का आयोजन सोमवार को हुआ। जिसमें जनपद के प्रसिद्ध कवियों ने ओजस्वी कवितायेँ पढ़ीं।

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सभाध्यक्ष राधा कृष्ण पाठक ने भारत माता की आरती तथा माँ भारती की वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ किया। “शुभ्र स्वच्छ आवरण, मोह का करो हरण, ब्रह्मा की सुता हो, ज्ञान गंगा में नहाती हो। हंस पे सवार कर स्फटिक हार, मातु तार झंकार वीणा वादिनी कहाती हो।

“अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के उपाध्यक्ष गुलाब चन्द्र जायसवाल ने देश-प्रेम की कविता पढ़ी : “आन-वान शान तिरंगा इस पर सबके मान चाहिए, बलिदानी वीरों के गौरव पर अभिमान चाहिए।“ आयोजक, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिला महामंत्री, रमेश चन्द्र तिवारी ने अपनी लोकप्रिय पुस्तक अनुश्री की राष्ट्र खंड की एक कविता पढ़ी : “आजादी का अमृत महोत्सव, भारत के सपनों का उत्सव, उल्लासित जन चलो मनायें, चलो तिरंगा सब फहरायें। राष्ट्र रंग दें एक रंग में, जय हो जय हो एक संग में।”

अवधी के प्रसिद्द कवि श्री देशराज सिंह ने राष्ट्र के प्रति निष्ठा के भाव जागृत करने वाली कविता पढ़ी : “राष्ट्र रक्षार्थ हमको जागना होगा, मखमली बिस्तर सुखों का त्यागना होगा।“ सोमेश सावन ने पढ़ा : “मातु भारती के चरणों में हुए अर्पित, एक एक वीर हिन्दुस्तानी है ।“

डा. अशोक गुलशन ने कविता पढ़ते हुए कहा : “अब कहीं कोई झगड़ा न दंगा रहे, हर शहर गाँव हर घर तिरंगा रहे।“ सर्वश्री बैजनाथ सिंह, राम गोपाल चौधरी, रमेश कुमार मिश्र, सेनानी भवन बहराइच, धनञ्जय सिंह, जिलाध्यक्ष हिन्दू जागरण मंच, बजरंग कुमार मिश्र, धनञ्जय कुमार शर्मा जैसे श्रेष्ठ वक्ता ने राष्ट्र भावना को प्रेरित करने वाले वक्तब्य से राष्ट्र प्रेम की धारा प्रवाहित की।
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