हक और अधिकार के लिए बहराइच की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने भरी हुंकार, अधिकारियों ने मांगी 10 दिन की मोहलत
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बोली समस्याओं के लिए कई बार उठाई आवाज लेकिन नहीं वार्ता कर रहे अधिकारी, पूरे जिले में आंगनबाड़ियों का हो रहा शोषण उत्पीड़न
बहराइच। अपने हक और अधिकार के लिए गुरुवार को जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां और सहायिकाएं आंदोलित रहे। सभी ने 16 सूत्रीय मांगों को लेकर आज गुरुवार को विकास भवन का घेराव कर प्रदर्शन किया। विकास भवन गेट पर आंगनबाड़ी कार्यकतियों के प्रदर्शन से अफरा-तफरी की स्थिति रही। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखकर अधिकारियों ने समस्या समाधान के लिए 10 दिन की मोहलत मांगी है।आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कहा कि हमें कम से कम 18000 वेतन दिया जाए, कोटेदारों के उत्पीड़न से छुटकारा दिलाया जाए तथा लंबित समस्याओं का समाधान हो। धरना प्रदर्शन के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने जिलाधिकारी को संगठन के जिलाध्यक्ष सुनीता आर्या की अगुवाई में ज्ञापन सौंपा।
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आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ संयुक्त मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुनीता आर्या की अगुवाई में जिले के सभी 14 विकास खंडों की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां और सहायिकाएं विकास भवन गेट पर गुरुवार को एकत्रित हुई। धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष सुनीता आर्या ने कहा कि तमाम अनियमितताओं, भ्रष्टाचार, वसूली, आंगनबाड़ी की समस्याओं से सम्बन्धित बार-बार पत्राचार के बावजूद किसी भी समस्या का निराकरण करना दूर वार्ता करना भी संबंधित अधिकारियों ने उचित नहीं समझा। पूरे जिले में आंगनबाड़ियों का शोषण उत्पीड़न हो रहा है। इसके चलते मजबूर होकर आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ संयुक्त मोर्चा धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपनी आवाज उठा रहा है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार हम कार्यकत्रियां फुल जॉब के अन्तर्गत आती है। फुलटाइम जॉब कर भी रही हैं। ऐसे में कम से कम न्यूनतम वेतन 18000 दिलाया जाय तथा अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी व पेंशन दिया जाय। जिला अध्यक्ष ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल पर पोषण ट्रैकर एप जियो ट्रैकिंग व कई अन्य एप के जरिये काम करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। जबकि 6000 मानदेय पाने वाली आंगनबाड़ी के पास न तो मोबाइल है न ही रिचार्ज का पैसा दिया जा रहा है। ऐसे में काम करना असम्भव है। रिचार्ज व मोबाइल तत्काल दिलाया जाय।
संगठन के संरक्षक अजय त्रिपाठी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को माननीय उच्च न्यायालय ने तथा शासन द्वारा गैर विभागीय कार्य लेने पर रोक लगायी है फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बीएलओ सहित अन्य कार्यों में धमकी देकर ड्यूटी लगायी जाती है।
संरक्षक श्री त्रिपाठी ने कहा कि मिहींपुरवा में सत्यापन के दौरान हजारों पैकेट दाल, तेल, दरिया गोदाम से गायब मिले लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई न ही दोषी को हटाया गया इससे प्रतीत हो रहा है कि सभी इसमें मिले हुए हैं इतने व्यापक भ्रष्टाचार के बावजूद कार्यवाही न होना दुर्भाग्यपूर्ण है, दोषियों को तत्काल हटाया जाय। उन्होंने नगर क्षेत्र में संचालित केन्द्र का बकाया किराया तत्काल दिलाने के साथ ही बकाया मानदेय व पीएलआई के पैसे का भुगतान करवाने की मांग की। संरक्षक सी त्रिपाठी ने कहा कि जिले में ड्राईराशन में भारी घोटाला हो रहा है, राशन केन्द्रों पर नहीं दिया जा रहा समूह व अधिकारियों की मिलीभगत से कटौती करके बाजारों में बेचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले के सभी परियोजनाओं में नये आंगनबाड़ी केन्द्र निर्धारित किये गये आरक्षण भी बना दिये गये किन्तु नवसृजित केन्द्र तथा आरक्षण बना कर गोपनीय तरीके से समायोजन व प्रमोशन किये जा रहे हैं जबकि नव सृजित केन्द्रों की लिस्ट व आरक्षण की सूची आज तक नहीं जारी की गयी।
उन्होंने कहा कि विशेश्वरगंज परियोजना में ग्राम पंचायत सेमरौना में दो आंगनबाड़ी केन्द्र नये दिये गये जबकि सेमरौना की आबादी मात्र 1600 है। जिससे एक सामान्य व एक मिनी कार्याकत्री कार्य कर रही है ऐसे में नये
केन्द्रों की आंगनबाड़ी कहां से लाभार्थी लायेगी कहां सर्वे करेगी। सेमरौना में 2011 के जनगणना में दूसरे ग्राम पंचायत की आबादी त्रुटिवश जुड़ गयी थी उसी को आधार बना कर दो गये केन्द्र सृजित किये गये हैं। इस पर
जांच कर कार्यवाही की जाय तब तक समायोजन प्रमोशन नियुक्ति पर रोक लगायी जाय।
धरना प्रदर्शन के दौरान सभी ने एक स्वर से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का इन्क्रीमेन्ट प्रदान करने की आवाज उठाई। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि जिले में तमाम अधिकारी कर्मचारी एक ही परियोजना में 15 से 20 वर्षों से तैनात हैं उन्हें तत्काल हटाया जाय। हाटकुक्ड का पैसा पूर्व की भांति मातृसमिति के खाते में भेजा जाय।
योजना के शुरुआत से आज तक नहीं बटा राशन
जिला अध्यक्ष सुनीता आर्य ने बताया कि विशेश्वरगंज के ग्राम पंचायत लखन गोंडा केन्द्र पर ड्राईराशन चावल योजना के शुरूआत से ही आज तक कोटेदार द्वारा नहीं दिया गया। चावल कोटेदार व अधिकारियों की मिली भगत से बेच लिया जाता है। इससे इस योजना का लाभ केन्द्र के लाभार्थियों को आज तक नहीं मिला। इसकी जांच करायी जाय तथा जिसने भी घोटाला किया एफआईआर दर्ज
करायी जाय।
बैंक में गायब हो जाता है कार्यत्रियों का मानदेय
जिलाध्यक्ष ने कहा कि विशेश्वरगंज के सैकड़ों कार्यकत्रियों का मानदेय खाता इलाहाबाद बैंक धनुही में है। बार-बार बैंक द्वारा कार्यकत्रियों का आया मानदेय गायब कर दिया जाता है, बताया जा रहा है कि मानदेय विभाग को वापस हो गया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जांच करायी जाय तथा कार्यकत्रियों के गायब मानदेय को बैंक द्वारा दिलाया जाय।
टीकाकरण कर रही लेकिन नहीं मिलता पारिश्रमिक
जिला अध्यक्ष सुनीता आर्य ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से टीकाकरण ट्रिपल ए सहित तमाम कार्य कराये जा रहे हैं, शासन से पैसा आने के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा है जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मिली भगत से कार्यकत्रियों के देय धनराशि हड़प लेते हैं इसकी जांच करायी जाय।
धरना प्रदर्शन को महामंत्री कोकिला शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, शारदा सिंह, संगीता सिंह, उपाध्यक्ष राशिदा बेगम, माया श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष किरन मिश्रा, मीडिया प्रभारी विभा श्रीवास्तव, एसजी अंसारी, संरक्षक अजय त्रिपाठी, सुरेश त्रिपाठी ने भी संबोधित करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की मांग की। धरना प्रदर्शन के पश्चात जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। संगठन के संरक्षक अजय त्रिपाठी ने बताया कि अधिकारियों ने समस्या समाधान के लिए 10 दिन का समय मांगा है, अगर 23 तारीख तक मांगे नहीं मानेंगे तो दोबारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
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