संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर फूंका सीएम हेमंत सोरेन का पुतला

प्रदर्शनकारी बोले आदिवासी समुदाय के विरोध में ही काम कर रहे हैं मुख्यमंत्री

राजेश प्रकाश, बोकारो। संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर आदिवासी सिंगल अभियान के बैनर तले आज सोमवार को नया मोड़ स्थित बिरसा चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सभी ने संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की एक स्वर से वकालत की।

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संथाली भाषा को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बावजूद झारखंड में संथाली भाषा को प्रथम राज भाषा का दर्जा न दिए जाने से आदिवासी समुदाय के लोग काफी आक्रोशित हैं। इसी के चलते सोमवार को बोकारो शहर के नया मोड़ स्थित बिरसा चौक पर आदिवासी सिंगल अभियान के बैनर तले संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे लोग एकत्रित हुए।

पुतला दहन कर रहे नेताओं ने कहा की केंद्र सरकार ने संथाली भाषा को राजभाषा के रूप में लागू करने के लिए एनओसी दे दिया है, इसके बावजूद भी हेमंत सोरेन सरकार संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं दे रही है।इसलिए संथाली भाषा को उसका अधिकार दिलाने को लेकर सभी लोग आंदोलन कर रहे हैं। मीडिया से बातचीत करते देव नारायण मुर्मू ने कहा कि कुर्मी को आदिवासी बनाने के लिए जिस तरीके से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था तो हम कुर्मी को आदिवासी बनाने के मामले पर विरोध जताते हैं।

देवनारायण मुर्मू ने कहा कि अभी तक हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासियों के विरोध में ही काम करते आई है। जिसका हम लोग विरोध करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संथाली को राजभाषा का दर्जा अगर नहीं दिया जाता है तो आदिवासी समुदाय के लोग और वृहद आंदोलन करेंगे।
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