सांप डसे तो झाड़-फूक कराने के बजाय ले जाए अस्पताल

समय पर अस्पताल पहुंचने पर मिल जाता है इलाज, बच जाती है जिंदगी, सीएचसी व जिला अस्पताल में उपलब्ध है सर्पदंश पर लगने वाली एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन

रायबरेली। बरसात का मौसम आते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जागरुकता के अभाव में सांप काटने के बाद लोग झाड़-फूंक केे चक्कर में लोग जान गंवा देते हैं। सर्पदंश के तत्काल बाद अगर झाड़-फूंक के चक्कर में ना पड़कर समय से पीड़ित को अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।

यह भी पढ़ें : भ्रष्टाचारी के हाथ में ग्राम पंचायतों की कमान, अफसर मालामाल, घोटाले में फंसे हैं कई ग्राम पंचायत अधिकारी
गर्मी के बाद जब बरसात का मौसम आता है तो खेती-किसानी का काम तेज हो जाता है। बारिश और सिंचाई के बाद बिलों में पानी भर जाने के कारण सांप खेत या झाड़ -झंखाड़ वाले स्थानों से निकलकर सूखे जगह की ओर जाने की कोशिश करते हैं। इसी चक्कर में जहरीले सांप घरों में छिप जाते हैं।

ऐसे में खेतों में या घरों में छिपे सांप के द्वारा लोगों को डंसने पर सर्प दंश से घबराए लोग पीड़ित को अस्पताल न पहुंचा कर उसका झांड-फूंक करवाने लगते हैं। यही देरी सर्पदंश पीड़ित व्यक्ति के जिंदगी के लिए मुसीबत बन जाती है। सर्पदंश पीड़ित को समय से इलाज न मिल पाने के कारण उसकी हालत बिगड़ जाती है। सांप का जहर पूरे शरीर में फैल जाता है जिसके कारण पीड़ित की सांस थम जाती है। ऐसी घटनाएं हर साल होती हैं। बावजूद लोग नहीं चेतते हैं।

सांप काटने के बाद क्या करें

सांप जिस स्थान पर डंसे, उस स्थान को बीटाडिन या स्क्रब साल्यूशन से साफ करें। शरीर में विष न फैले पाए, इसलिए पीड़ित को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराएं। मरीज को तनाव न होने दें। उसका मनोबल बढ़ाएं और शांत रखने की कोशिश करें। पीड़ित के शरीर से घड़ी, कंगन, अंगूठी, पायल, चेन आदि उतार दें। पीड़ित को सोने से रोकें। पानी कम दें। पीड़ित को सीधा लिटाकर रखें। शांत रखने से जहर फैलने में रुकावट होती है। बंधन को इतना टाइट न बांधे की मांशपेशियां मर जाए

संर्प दंश के लक्षण 

सर्पदंश में व्यक्ति को बेहोशी आती है। डंसने वाले स्थान पर पिन चुभने के जैसे दो निशान नजर आते हैं। कुछ देर में मुंह और नाक से झाग और खून आने लगता है। सांस लेने और बोलने में भी दिक्कतें होने लगती हैं।

झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़े, लगवाएं एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन

सर्पदंश की घटनाओं में तत्काल अस्पताल जाना चाहिए। वहां एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन लगवाना चाहिए। झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़े। सांपों के दांत के नीचे विष की थैली होती है। जब सांप डंसता है तो विष लोगों के शरीर में चला जाता है। खून के माध्यम से वह विष पूरे शरीर में फैल जाता है जिससे सर्प दंश पीड़ित को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। समय से सर्प दंश पीड़ित को इलाज न मिल पाने पर पीड़ित की मौत हो जाती है।
डॉ महेंद्र मौर्य, सीएमएस, जिला अस्पताल
यह भी पढ़ें : भ्रष्टाचारी के हाथ में ग्राम पंचायतों की कमान, अफसर मालामाल, घोटाले में फंसे हैं कई ग्राम पंचायत अधिकारी