पत्नी को मारने के बाद तीन बच्चों की हत्या कर फांसी के फंदे से लटका बाप

चपरासी बनने के लिए दिए थे 7 लाख, न नौकरी मिली, न पैसा वापस हुआ जिसके चलते उठाया यह कदम

जौनपुर। जिले के मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के अंतर्गत जयरामपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बुधवार को एक व्यक्ति ने पहले अपने पत्नी को मारने के बाद अपने तीन बच्चों को भी मौत के घाट उतार दिया बाद में खुद भी फांसी के फंदे से झूल गया। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है वहीं मौके पर एसपी समेत तमाम पुलिस अधिकारी पहुंच कर छानबीन कर रहे हैं। बताया जा रहा है पत्नी और बेटों की हत्या करने के बाद आत्महत्या करने वाला युवक चपरासी की नौकरी के लिए प्रयासरत था, इसके लिए उसने ₹7 लाख घूस भी दिया लेकिन न नौकरी मिली न पैसा वापस हुआ। जिसके चलते युवक ने खौफनाक कदम उठाया।

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मिली जानकारी के मुताबिक मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के जयरामपुर में स्व. प्रेम शंकर विश्वकर्मा के दो बेटे नागेश विश्वकर्मा और त्रिभुवन विश्वकर्मा दोनों का 8 साल पहले बंटवारा हो चुका था। नागेश अपने परिवार के साथ जयरामपुर कस्बे के मकान में रहता था। नागेश (37) वर्ष अपनी पत्नी राधिका (33) उसके तीन बच्चे बेटी निकिता 11 वर्ष, बेटा आदर्श और बेटी आयुषी के साथ रहता था। घर में पारिवारिक कलह चल रही थी।

बुधवार सुबह को जब नागेश का दरवाजा बहुत देर तक नहीं खुला तो चचेरा भाई सोनू विश्वकर्मा नागेश के घर गया और दरवाजा खटखटाया लेकिन फिर भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। फिर अन्य लोगों की मदद से दरवाजा तोड़कर जब अंदर देखा गया तो अंदर का दृश्य देखकर सभी अवाक रह गए। 3 बच्चों का शव बेड पर पड़ा था, बच्चों को साड़ी के फंदे से कसा गया था। और उसकी पत्नी राधिका बगल में पड़ी थी उसके सिर पर चोट के निशान थे और नागेश गमछे के सहारे पंखे से झूल गया था। मौके पर डायल 112 को सूचना दी गई, जिसके बाद क्षेत्राधिकारी समेत एसपी अजय पाल शर्मा भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।

एसपी ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कमरे से एक लेटर बरामद हुआ है। जिसमें नागेश ने पत्नी और बच्चों की हत्या का जिम्मेदार खुद को बताया है, नागेश ने लिखा है कि नेवरिया थाना क्षेत्र के सलारपुर निवासी भानु प्रताप विश्वकर्मा के माध्यम से जलालपुर निवासी शिव आश्रय सिंह जयपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय चलाते हैं। उन्होंने चपरासी की नौकरी देने के नाम पर ₹700000 लिए थे। शिव आश्रय ने न ही नौकरी दी और न ही पैसा वापस किया। जिसके चलते नागेश ने यह कदम उठाया।

घटना के संबंध में मृतक के बड़े भाई श्री भगवान विश्वकर्मा ने लिखित तहरीर पुलिस को दी है पुलिस ने बताया कि मिले सुसाइड नोट के आधार पर उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अन्य जानकारी प्राप्त कर रही है। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
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