मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पलीता: सीएम योगी के सामने शादीशुदा महिला ने धांधलेबाजी कर मंडप में लिए सात फेरे
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए रची साजिश, खुलासा होने पर प्रशासनिक अमले में मचा हड़कंप, अधिकारी बचाव में जुटे
दिनेश चंद्र मिश्रा, गोरखपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक शादीशुदा महिला ने पति की जगह एक पहचान वाले के साथ सात फेरे ले लिए। यह सात फेरे भी महिला ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में लिया। अब मामले का खुलासा हुआ है तो अधिकारी सकते में हैं। खंड विकास अधिकारी ने महिला के शादी अनुदान पर रोक लगाते हुए आनन फानन में शादी में दूल्हा दुल्हन को दिया गया सभी सामान भी ले लिया है। फ्रॉड दुल्हन के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी चल रही है।
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प्राप्त समाचार के अनुसार कैंपियरगंज थाना क्षेत्र की एक महिला की शादी इसी साल 28 फरवरी को सिद्धार्थनगर जिले के एक युवक से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद महिला का पति कमाने के लिए मुंबई चला गया। इसके बाद महिला मायके आ गई। इस बीच उसने अपनी पहचान वाले के साथ मिलकर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाली धनराशि को हड़पने की योजना बनाई। मामले के खुलासे के बाद बीडीओ ने शादी में दिया गया सभी सामान वापस ले लिया है। साथ ही अनुदान की राशि पर रोक लगा दी है। अधिकारी अब महिला के खिलाफ कार्रवाई के अलावा चूक करने वाले स्टाफ पर भी सख्ती के मन बना रहे हैं।
गौरतलब हो कि महिला ने सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह के लिए गांव के सचिव और बीडीओ के समक्ष आवेदन किया। इसके साथ ही शादीशुदा न होने का शपथ पत्र भी दिया। सचिव और बीडीओ ने बिना जांच किए ही 22 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजदूगी में शादी के मंडप में बैठा दिया। फेरे लेने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाली शादीशुदा महिला बनी दुल्हन ने कर्मचारियों से साठ गांठ कर प्रमाण पत्र पर अपने असली पति का नाम भी दर्ज करवा लिया।
मामले की जानकारी मिलने के बाद सभी सामान वापस करा लिए गए हैं। साथ ही विभाग की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि पर भी रोक लगा दी गई है।
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