वन ग्रामीणों को अधिकारी दे रहे गांव छोड़ कर चले जाने की धमकी

मिहींपुरवा विकासखंड के वन भूमि पर बसे विभिन्न गांवों से आए हुए वन अधिकार आंदोलन के प्रतिनिधि कार्यकर्ताओं ने सुनाई अपनी बात

बहराइच। गिरिजापुरी, बहराइच में “वन अधिकार जागरूकता कार्यशाला” का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यशाला आयोजन नेशनल अकैडमी फॉर सोशल मूवमेंट के तत्वावधान में हुआ। कार्यशाला का संचालन एवं अध्यक्षता वन अधिकार समिति, टेड़िया के अध्यक्ष केशव सिंह ने की। कार्यशाला में जनपद बहराइच के मिहींपुरवा विकासखंड के वन भूमि पर बसे विभिन्न गांवों से आए हुए वन अधिकार आंदोलन के प्रतिनिधि कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी।

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हल्दी प्लाट रमपुरवा से आई हुई दुलारी देवी ने कहा कि हम लोग सैकड़ों वर्षों से जंगल में रहते चले आए हैं। हमारे पूर्वजों ने एक वन टांगिया मजदूर के रुप में सैकड़ों वर्षों तक जंगल कई सेवा की है जिसके परिणाम स्वरूप हमें खेती और निवास के लिए वन भूमि प्राप्त हुई थी किंतु वन अधिकार कानून 2006 लागू होने के बावजूद वन विभाग के कुछ अधिकारी आर्थिक लालच में हमारे खेती के कार्य को रोक रहे है और हम लोगों को गांव छोड़कर चले जाने की धमकी दे रहे है। उन्होंने कहा कि जब तक वन अधिकार कानून के तहत मान्यता और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक हम लोग अपने कब्जे की जमीन से नहीं हटेंगे। जो कोई भी वनाधिकार कानून का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।
महबूबनगर निवासी रामचंद्र ने कहा कि एक साजिश के तहत हम लोगों को परिवार रजिस्टर पंचायत राज विभाग द्वारा जारी नहीं किया जा रहा है और केंद्र सरकार के हर घर जल योजना के तहत लगने वाले नल को भी हमारे गांव में नहीं लगाया जा रहा है। हमारे गांव के राजस्व ग्राम में परिवर्तन किए जाने की फाइल जिला स्तर से प्रस्तावित होकर राजस्व और वन अनुभाग उत्तर प्रदेश में पिछले 4 साल से लंबित है। एक साजिश के तहत हमारी पत्रावली को मुख्यमंत्री जी के समक्ष राजस्व ग्राम करने के लिए प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है और संबंधित विभागों के द्वारा दबाया जा रहा है।
भवानीपुर निवासी नंदकिशोर ने कहा कि गांव में बनने वाली सड़क का काम फिलहाल रुका हुआ है। अधिकतर इंडिया मार्का हैंडपंप खराब चल रहे हैं जिससे पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है। नवसृजित राजस्व ग्राम ढकिया कैलाश नगर के मानवाधिकार रक्षक श्री रामेश्वर ने बताया कि उनके गांव में 59 शौचालय बनकर तैयार हो गए हैं तथा सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहा है।
कार्यशाला में सहभागिता कर रहे लोगों को संबोधित करते हुए चहलवा ग्राम पंचायत के प्रधान प्रतिनिधि श्री प्रीतम निषाद ने कहा कि नवसृजित राजस्व ग्रामों में विकास के सभी कार्यक्रम संचालित किए जाने के लिए वह प्रयासरत हैं। शौचालय आवास तथा संपर्क मार्ग के निर्माण का कार्य शुरू कराया जा रहा है जिसमें वन विभाग का पर्याप्त सहयोग मिल रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि निचले स्तर के कुछ कर्मचारी माननीय मुख्यमंत्री जी की लोकप्रिय सरकार की छवि को खराब कर रहे हैं और नवसृजित राजस्व ग्रामों के विकास कार्य में बाधा डाल रहे हैं उन्हें चिन्हित किया जा रहा है और उनके संबंध में शासन को अवगत कराया जाएगा। अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत वन निवासियों के अधिकारों में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन ग्रामों की समस्याओं से माननीय मुख्यमंत्री जी सहित सभी उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है जिससे प्रत्येक वन निवासी परिवार को वन अधिकार कानून 2006 का लाभ दिलाने के लिए अवसर प्रदान कराया जाएगा।
बरसात के बावजूद कार्यशाला में महबूबनगर, तुलसी, सुकड़ी पुरवा, श्रीराम पुरवा, हल्दी प्लाट, भवानीपुर, टेड़िया आदि गांव के लोग मौजूद रहे।
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