घर में सो रहा इकलौता बेटा जल गया जिंदा, बिलखते रह गए मां-बाप
मासूम बहन ने भागकर किसी तरह बचाई जान, झुलस कर घायल, जांच में जुटे पुलिस और प्रशासनिक
बहराइच। जिले के नेवादा गांव में मासूम भाई बहन दोपहर में सो रहे थे, परिवारी जन घर से कुछ दूरी पर कामकाज में व्यस्त थे। इसी दौरान ग्रामीण की झोपड़ी धधक उठी। मासूम बहन ने भागकर किसी तरह जान बचा ली, लेकिन दुधमुहा इकलौता भाई जिंदा जल गया। मकान को आग की लपटों से घिरा देख माता-पिता दौड़े लेकिन तब तक पूरा घर धधक चुका था। घटना की सूचना पाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। किसी तरह आग पर काबू पाकर मासूम के शव को पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पीड़ित ग्रामीण की ग्रह स्थिति राख हुई थी उसका परिवार भी बिखर गया। बेटे की मौत के बाद माता-पिता की आंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं।
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राम गांव थाना अंतर्गत नेवादा गांव निवासी रामसमुझ सड़क के किनारे दो झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रहते हैं। रामसमुझ के साथ परिवार में उनकी पत्नी, 4 वर्षीय पुत्र आशीष और 5 वर्षीय बेटी है। प्रतिदिन की तरह रामसमुझ की पत्नी अपने दुधमुंहे पुत्र आशीष और बेटी को दोपहर में 11:30 बजे के आसपास खाना खिलाने और दूध पिलाने के बाद झोपड़ी में सुला कर घर से कुछ दूरी पर काम करने चली गई।
लगभग 1 घंटे बाद रामसमुझ की झोपड़ी अचानक धधक उठी। पड़ोसियों को भी आग लगने का पता तब चला जब झोपड़ी धू-धू कर जलने लगी। आग लगने के बाद अंदर गर्मी होने पर रामसमुझ की बेटी की नींद खुली तो उसने चारों तरफ आग की लपटें देखकर बाहर की ओर दौड़ लगा दी लेकिन लपटों की चपेट में आकर बेटी झुलस कर घायल हो गई फिर भी वह बचने में सफल रही। बेटी ने घर के बाहर पहुंचते ही शोर मचाना शुरू किया तब लोगों की नजर घर की ओर गई।
बेटी का शोर सुनकर आनन-फानन में रामसमुझ और उनकी पत्नी तथा गांव के अन्य लोग दौड़े लेकिन तब तक आग की लपटों ने पूरे झोपड़ी को आगोश में ले लिया। लपटों से घिरी झोपड़ी के अंदर बिलखते हुए रामसमुझ की पत्नी बार-बार घुसने की कोशिश कर रही थी लेकिन गांव के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। घर के अंदर सो रहा रामसमुझ का दुधमुहा बच्चा जिंदा जल गया। घटना की सूचना पाकर आसपास गांव के लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। राम गांव थाने के प्रभारी निरीक्षक और राजस्व कर्मी भी मौके पर पहुंचे हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है, अग्निकांड में जिंदा जले मासूम के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद उसी के अनुरूप मुआवजे की कार्यवाही होगी।
उधर घटना के बाद परिवार के लोगो की हालत अर्ध विक्षिप्त जैसी हो गई है। गांव के लोग ढांढस बंधा रहे हैं लेकिन इकलौते पुत्र के गम में पति-पत्नी का रो रो कर बुरा हाल है। वही आग से झुलस कर जख्मी मासूम बालिका का इलाज स्थानीय चिकित्सालय में चल रहा है।
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