बालप्रहरी बालसाहित्य सम्मान-2023 से सम्मानित हुए वेद मित्र शुक्ल

बाल कवितासंग्रह ‘कहावतों की कविताएं’ के लिए मिला सम्मान

नईदिल्ली। बालप्रहरी, बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा तथा नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास, लालढांग द्वारा उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी के समापन समारोह के अवसर पर डॉ. वेद मित्र शुक्ल को बालप्रहरी बालसाहित्य-2023 से उनके बालकविता संग्रह ‘कहावतों की कविताएं’ के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून से कुलपति प्रो. हेम चंद्र, प्रो. राम निवास ‘मानव’, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, सिंघानिया विश्वविद्यालय, राजस्थान, वरिष्ठ बाल साहित्यकार गोविंद शर्माज, प्रो. प्रभा पंत, दयानंद आर्य, पूर्व निदेशक, नेहरु युवा केंद्र, राकेश जुगरान, प्राचार्य, डायट, देहरादून, उदय किरौला, बाल साहित्य संस्थान, अल्मोड़ा व अधीक्षक योगेश्वर सिंह सहित विभिन्न प्रान्तों से आए बाल साहित्यकार उपस्थित रहे।

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सम्मान के तौर पर प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न, पुष्पम पत्रम तथा अंग वस्त्र भेंट की गई| ज्ञात हो कि वेद मित्र शुक्ल कृत ‘कहावतों की कविताएं’ विद्या भारती से वर्ष 2019 में प्रकाशित हुई थी। इसमें लोक कहावतों की कहानियों को बच्चों के लिए कविताओं में सहेज कर प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक बच्चों में और विद्यालयों में बहुत लोकप्रिय रही है। इस अवसर पर श्री शुक्ल ने कहा कि ‘कहावतों की कविताएं’ को मिला बालप्रहरी बालसाहित्य सम्मान 2023 उनके लिए गौरव का विषय है। यह बालसाहित्य में लोकचेतना का सम्मान है। यह सम्मान इसलिए महत्वपूर्ण है क्यों कि 3 विद्यालयों के 321 से अधिक बच्चों से पढ़वाकर इस बालकविता संग्रह का मूल्यांकन करवाया गया है।

यानी बालसाहित्य सम्मान के निर्णायक मण्डल में अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे रहे हैं। श्री शुक्ल की अब तक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन प्रकाशित पुस्तकों में डा. वेद मित्र शुक्ल का हाल ही में आया बाल कवितासंग्रह “जनजातीय गौरव’ पुस्तक का लोकार्पण 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान बीते दिनों फ़िजी में आयोजित हुआ था।
सम्मान समारोह के दौरान बालकविता वाचन सत्र का भी आयोजन हुआ। साथ ही, अन्य महत्वपूर्ण बालसाहित्यकारों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ, बिहार , सिक्किम और महाराष्ट्र सहित 12 राज्यों के 112 प्रतिनिधि रचनाकारों ने सहभागिता की।
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