बिपरजॉय तूफान के डर से गुजरात के द्वारका में ढहाया गया आकाशवाणी टॉवर
जान माल के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया कदम, 34 साल पहले स्थापित हुआ था टावर
नईदिल्ली। बिपरजॉय तूफान से पूरा देश डरा हुआ है। समुद्र के तटवर्ती इलाकों में तूफान का असर दिखने लगा है। ऐसे में गुजरात के द्वारका में तूफान से जान माल के नुकसान को कम करने के लिए 34 साल का पुराना आकाशवाणी का टावर ठहाया गया है। यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है जिससे लोगों को बिपरजॉय तूफान में अचानक टावर गिरने के बाद दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
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गुजरात के द्वारका में आकाशवाणी टॉवर को 34 साल पहले स्थापित किया गया था। लेकिन इस टावर को अचानक विभाग को खुद ढहाने का निर्णय लेना पड़ा। गुजरात के द्वारका में 90 मीटर ऊंचे गाइ रोप की मदद से खड़े स्टील से निर्मित आकाशवाणी टॉवर को बिपरजॉय तूफान के खतरे को देखते हुए एहतियातन ढहा दिया गया है। यह निर्णय इस टॉवर के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोकने और आसपास के क्षेत्रों में जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए लिया गया है।
टॉवर ढहाने का यह कदम एनआईटी सूरत और सीसीडब्ल्यू के संरचनात्मक विशेषज्ञों द्वारा 35 साल पुराने इस टॉवर की सुरक्षा जांच के बाद उठाया गया है। इन विशेषज्ञों ने जनवरी, 2023 में इस टॉवर को ढहाने की सिफारिश की थी। लेकिन तब से मामला फाइलों में दबा पड़ा था अब बिपरजॉय तूफान के खतरे को देखते हुए एहतियातन आनंदपाल में टावर को ढहाया गया है। गौरतलब हो कि इस टावर के ढहने से आकाशवाणी की सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी आकाशवाणी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए द्वारका से अपनी सेवाओं का प्रसारण जनहित में निरंतर जारी रखेगा।
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