…तो बीमारी के आगे जिंदगी की जंग हार गया बोतल डॉन

क्रिकेट के मैदान से अपराध जगत में किया प्रवेश, क्रिकेट खेलते समय आउट देने पर अपने अम्पायर को मारी थी पहली गोली, अंबेडकरनगर,प्रयागराज, लखनऊ, नोएडा और मुंबई में दहशत का पर्याय था खान मुबारक

लखनऊ। बसपा नेता जुर्गाम मेहदी हत्याकांड में आरोपी और बोतल डॉन के रूप में कुख्यात माफिया खान मुबारक आखिरकार बीमारी के आगे सोमवार को जिंदगी की जंग हार गया। इसी के साथ उसके नाम की दहशत का भी अंत हो गया। अंबेडकरनगर के अलावा प्रयागराज लखनऊ नोएडा में उसके खिलाफ साढ़े तीन दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे।

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क्रिकेट के मैदान से अपराध जगत का बना माफिया

क्रिकेट के मैदान से लोगों की जिंदगी शुरू होती है लेकिन माफिया खान मुबारक की जिंदगी क्रिकेट के मैदान से अपराध जगत की ओर मुड़ गई। गौरतलब हो कि अंबेडकर नगर जनपद के हंसवर थानाक्षेत्र के हरसम्हार गांव का मूल निवासी माफिया खान मुबारक लंबे समय से हरदोई की जेल में बंद था। जहां सोमवार को बीमारी के चलते इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी के बाद उसके पैतृक गांव सहित आसपास में सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी कर दी गई है। यह वही खान मुबारक है जिसने क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर को इसलिए गोली मारी थी क्योंकि उसने उसे रन आउट करार दे दिया था। इसके बाद एक भट्ठा व्यवसायी औऱ ट्रांसपोर्टर की हत्या के बाद खान मुबारक चर्चा में आया और माफिया बना।

मुन्ना बजरंगी से थी दुश्मनी मुख्तार अंसारी ने कराया था समझौता

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के सूटर के रूप में उभरा खान मुबारक अंडरवर्ल्ड डॉन जफर सुपारी का छोटा भाई था। उसने तमाम चिकित्सकों और कारोबारियों को रंगदारी के लिए निशाना बनाया। मुंबई के काला घोड़ा हत्याकांड से खान मुबारक चर्चा में आया था। रेलवे स्क्रैप को लेकर मुन्ना बजरंगी से उसकी दुश्मनी चल रही थी। सूत्र बताते हैं कि दोनों के बीच मुख्तार अंसारी ने समझौता भी कराया था।

… तो माफिया का ऐसे नाम पड़ा बोतल डॉन

योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से उस पर यूपी पुलिस का शिकंजा कसना शुरू हुआ था। खान मुबारक और उसके भाई खान जफर को जेल में डाला गया। बताते हैं कि एक कारोबारी को अपने फार्म हाउस पर बंधक बनाकर उसके सिर पर बोतल रख कर निशाना साधा था। इसका बाकायदा वीडियो जारी किया था। इसी दहशत में उस व्यापारी की बाद में मौत भी हो गई थी। तभी से उसका नाम बोतल डॉन भी पड़ गया।

बात यह भी उल्लेखनीय है कि उसके टीम में तमाम किशोर शामिल थे जो उसके एक इशारे पर करने और मरने को तैयार रहते थे। इधर बीते कुछ दिनों में अवैध तरीके से बनाई गई उसकी करोड़ों की संपत्ति पर योगी सरकार का बुलडोजर भी चला था और जमीन कुर्क कर ली गई थी।
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