काशी में डमरुओं के नाद से विदेशी मेहमानों का होगा अदभुत स्वागत
वसुधैव कुटुम्बकम् के ध्येय वाक्य के साथ जी-20 बैठकों का हो रहा है आयोजन, वाराणसी में दूसरी बार 11 से 13 जून तक जी-20 की बैठक के लिये चिन्हित स्थलों का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
वाराणसी। काशी में आयोजित हो रहे G-20 देशों के सम्मेलन में डमरुओं के नाद से विदेशी मेहमानों का होगा अदभुत स्वागत होगा। वसुधैव कुटुम्बकम् के ध्येय वाक्य के साथ जी-20 बैठकों का आयोजन हो रहा है, वाराणसी में दूसरी बार 11 से 13 जून तक जी-20 की बैठक के लिये चिन्हित स्थलों का जिलाधिकारी ने शुक्रवार को निरीक्षण किया। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने सारनाथ स्थित पुरातत्व संग्रहालय, मूलगंध कुटी विहार, धामेक स्तूप का निरीक्षण किया तथा वहाँ बन रहे पंडाल आदि के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने सारनाथ भ्रमण के दौरान अतिथियों हेतु धूप से बचने को छाता, कैप, कैनोपी व पीने के पानी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
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निरीक्षण के दौरान अगस्त में प्रस्तावित सांस्कृतिक मंत्रालय के प्रोग्राम को सारनाथ पहुंची टीम से भी जिलाधिकारी ने वार्ता की, जिसका नेतृत्व जॉइंट्स सेक्रेटरी लिली पांडेय कर रही थी। जिलाधिकारी ने टीएफसी भ्रमण के दौरान मीडिया सेंटर, मेडिकल रूम, हाथकरघा जरी, कालीन बुनाई, फैबको, सिल्को इंटरनेशनल, कंट्रोल रूम, दिव्यांग शौचालय आदि का भी निरीक्षण किया। शौचालय की उचित साफ-सफाई करने, गमलों में लगे पौधों की संख्या बढ़ाने इत्यादि के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
बताते चलें कि संगीत की तीनों कलाओं के देवता, भगवान नटराज (शिव) की नगरी काशी में जी-20 के मेहमानों का स्वागत भी पूरी तरह से संगीतमय होने जा रहा है। वसुधैव कुटुम्बकम् के ध्येय वाक्य के साथ भारत के विभिन्न शहरों में जी-20 बैठकों का आयोजन हो रहा है। वाराणसी में दो महीने में दूसरी बार 11 से 13 जून तक जी-20 की बैठक होने जा रही है।
11 जून को वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सभी जी-20 डेलीगेट्स का भव्य तरीके पारंपरिक स्वागत किया जाएगा। इस दौरान शिव की नगरी काशी में डमरुओं के नाद से विदेशी मेहमानों का जोरदार स्वागत होगा। बाबतपुर एयरपोर्ट से जी 20 में आने वाले लोगों के लिए रोड के किनारे और पेड़ों पर आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है और लालपुर टीएफसी में उनके साथ बैठक की जाएगी।
विदेशी मेहमान सारनाथ में भगवान बुद्ध की तपोभूमि का भी दीदार करेंगे तथा उसके साथ बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन और मां गंगा का आरती का भी अवलोकन करेंगे।
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