राम मंदिर में लगेंगे नक्काशीदार पत्थर, सीएम और डिप्टी सीएम को भेजा न्योता
ट्रस्ट ने सीएम व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को किया आमंत्रित, 51 इंच की मूर्तियां स्थापित होने के बाद 8 फीट की हो जाएंगी
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में कल यानी गुरुवार से नक्काशीदार पत्थर लगाए जाएंगे। ट्रस्ट ने सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी आमंत्रित किया है। वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-पाठ के बीच सुबह 9 बजे से पत्थरों को जोड़ने का काम शुरू होगा। ट्रस्ट की ओर से महासचिव चंपत राय ने पत्र भेजकर संतों को भी आमंत्रित किया है।
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राम मंदिर में गर्भगृह समेत ग्राउंड फ्लोर का 85% काम पूरा हो चुका है। मंदिर में फिनिशिंग के साथ खिड़की, दरवाजे और अचल मूर्ति के निर्माण को लेकर चर्चा चल रही है। अचल मूर्ति का तात्पर्य है कि एक स्थान पर स्थिर होती है। उसे हटाया नहीं जा सकता। वहीं दूसरी चल मूर्ति या उत्सव मूर्ति होती है। इसे किसी पूजा उत्सव में गर्भगृह से बाहर निकाल सकते हैं।
चंपत राय ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर तैयार होने के बाद मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। दिसंबर तक मंदिर को फाइनल टच दिया जाएगा। रामलला की प्रतिमा 51 इंच होगी। कर्नाटक के मैसूर से आए दो पत्थरों से प्रतिमा बनाई जा रही है। रामलला की एक अन्य मूर्ति राजस्थान के मकराना मार्बल से बनाई जा रही है। मूर्तिकार अरुण योगीराज अपनी पसंद का पत्थर कर्नाटक से लेकर आए हैं। राम मंदिर में दो पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए तांबे की पत्ती का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंदिर में फसाद लाइट भी लगाई जाएंगी।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए रामलला की 3 मूर्तियों का निर्माण शुरू हो गया है। सिर पर मुकुट, हाथ में धनुष-बाण लिए रामलला की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। इनके लिए कर्नाटक की 2 श्याम शिला और राजस्थान के श्वेत संगमरमर का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि अभी ये निश्चित नहीं है कि इनमें से कौन-सी मूर्ति गर्भगृह के लिए चुनी जाएगी।
इन मूर्तियों को पूरी तरह से तैयार करने में करीब 4 महीने का वक्त लगेगा। रामसेवकपुरम में कर्नाटक के मैसूर से आईं 2 शिलाओं, जबकि उसके सामने के परिसर में राजस्थान से आई संगमरमर की शिला को आकार दिया जा रहा है। कर्नाटक के शिल्पकार गणेश एल. भट्ट और राजस्थान के शिल्पकार सत्यनारायण पांडेय के नेतृत्व में यहां काम हो रहा है। मूर्तिकार गणेश भट्ट ने बताया कि रविवार को पत्थरों की पूजा की गई। मूर्तिकार ने काम करना शुरू कर दिया है। ये मूर्तियां 51 इंच लंबी बनाई जानी हैं। मूर्तियों को स्थापित करने के बाद इनकी ऊंचाई 8 फीट हो सकती है। सुदर्शन साहू और अरुण योगिराज भी मूर्तियों पर काम कर रहे हैं। दोनों टीमों में 4-4 सहयोगी भी सेवा कर रहे हैं।
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