7 साल से अलग रह रहे जोड़े को एक साथ रहने को मजबूर करना उन पर क्रूरता: हाई कोर्ट।

कुरुक्षेत्र निवासी पत्नी की याचिका को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने दिया तलाक का आदेश।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। कुरुक्षेत्र। लंबी अवधि तक अलग रहने के बाद दंपती का रिश्ता हो जाता है अव्यवहारिक।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 7 वर्षों से अलग-अलग रह रहे दंपति को तलाक के अनुमति देते हुए कहा कि अब इन्हें साथ रहने के लिए मजबूर करना दोनों पर मानसिक क्रूरता होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों के बीच विवाह का रिश्ता अब व्यवहारिक हो गया है, जिसे सुधार नहीं जा सकता।

हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए महिला ने कुरुक्षेत्र की फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उसने क्रूरता के आधार पर तलाक की अपीलकी थी। याची ने बताया था की 2005 में उसका विवाह हुआ था।

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शुरू से ही पति वह उसका परिवार दहेज के लिए उसे वह उसके परिवार को परेशान करते थे। फैमिली कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि पत्नी के‌ आप सामान्य प्रकृति के है।

हाई कोर्ट ने कहा कि याची अदालत के समक्ष शारीरिक क्रूरता का सबूत पेश करने में असमर्थ थी, पारिवारिक न्यायालय में हमें यह जांच करनी चाहिए कि क्या पति-पत्नी के के बीच वैवाहिक संबंध इतने खराब हो गए हैं कि उन्हें सुधारा नहीं जा सकता।

खासकर तब जब पक्षकार 7 साल से अधिक समय से लग रहे हैं और इस अवधि के दौरान उनके रिश्ते में कोई सुधार नहीं हुआ है। लंबी मुकदमेबाजी के कारण यह खराब होता गया और पशुओं के बीच मध्यस्थता के कार्यवाही भी विफल रही।

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लंबे समय तक पशुओं के बीच वैवाहिक दायित्व और सहवास की बहाली के अभाव में उनके पुनर्मिलन की कोई संभावना नहीं है। पति पारिवारिक न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के पक्ष में है लेकिन मध्यस्थ कार्यवाही के दौरान उसका व्यवहार अड़ियल रहा।

हाई कोर्ट ने कहा कि पति ने अपनी पत्नी को वैवाहिक घर में वापस लाने का कोई प्रयास नहीं किया, नहीं उसने वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 के तहत कोई याचिका दायर की। यह पति के आचरण को दर्शाता है कि उसे पति और बेटे की भलाई और भरण पोषण की कोई चिंता नहीं है। पति का एकमात्र उद्देश्य पत्नी को लंबी मुकदमेबाजी में उलझाए रखना प्रतीत होता है। ऐसे में यदि दोनों पक्षियों को एकसाथ रहने के लिए कहा जाता तो इससे दोनों के लिए मानसिक क्रूरता हो सकती है।