7 दिन बाद भी दरोगा की मौत पर सस्पेंस बरकरार, कई सवाल अब भी अनसुलझे।
पुलिस ने अब तक की जांच में पाया है कि बुधवार को घर से निकलने के बाद दरोगा ध्यान सिंह अपने निर्माणाधीन मकान पर गए थे। जहां उन्होंने मजदूरों को पैसे दिए। इसके बाद उन्हें एक कॉल आई जिसमें उनके किसी से फ़ोन पर लंबी बहस हुई थी। अब पुलिस दरोगा की कॉल डिटेल खंगाल रही है। वहीं पुलिस ने लोको पायलट से भी पूछताछ की है। जिसमें सामने आया है कि दारोगा ने ख़ुद से आत्महत्या की है। हालांकि, घटनास्थल से मोबाइल का गायब होना मामले को संदिग्ध बना रहा है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश )।
दरोगा ध्यान सिंह यादव की मौत कैसे हुई? रेलवे ट्रैक पर ध्यान सिंह क्यों गए? क्या किसी बात से चल रहे अवसाद (डिप्रेशन) के कारण उन्होंने आत्महत्या की या फिर किसी ने रेलवे ट्रैक पर उनकी हत्या कर दी? दरोगा का मोबाइल कहां है? इस्तेमाल सवालों के जवाब अब तक लखनऊ पुलिस तलाश नहीं सकी है। यही वज़ह है कि 7 दिन बीत जाने के बाद भी ध्यान सिंह की मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई हैं।
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लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना अंतर्गत पुलिस मुख्यालय में तैनात 2015 बैच के दरोगा ध्यान सिंह यादव बीते बुधवार सुबह बाल कटवाने के बाद का कर अपने घर से निकले थे। लेकिन काफ़ी देर तक वह अपने घर वापस नहीं लौटे। इस बीच उनकी लाश बक्कास रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर मिली। अगले दिन गुरुवार को परिजनों ने शव की पहचान की। इसके बाद पोस्टमार्टम हुआ। रिपोर्ट में मौत का कारण एंटी मार्टम इंजरी और ब्रेन हेमरेज बताया था। पुलिस ने दावा किया है कि यह आत्महत्या का केस है हालांकि, अभी कई सवाल अनसुलझे हैं। जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
पुलिस ने अब तक की जांच में पाया है कि बुधवार को घर से निकलने के बाद दरोगा ध्यान सिंह अपने निर्माणाधीन मकान पर गए थे। यहां उन्होंने मजदूरों को पैसे दिए। इसके बाद उन्हें एक कॉल आई जिसमें उनकी काफ़ी समय तक फ़ोन पर लंबी बहस हुई। अब पुलिस दरोगा की कॉल डिटेल खंगाल रही है। वहीं पुलिस ने लोको पायलट से भी पूछताछ की है, जिसमें सामने आया है कि दारोगा ने ख़ुद से आत्महत्या की है। हालांकि, घटना स्थल से मोबाइल का गायब होना मामले को संदिग्ध बना रहा है।
इन बिंदुओं पर भी पुलिस कर रही है जांच………
पुलिस यह पता लगा रही है कि दरोगा ध्यान सिंह यादव ने आखिरी बार किससे बात की? और बहस किस बात पर हुई थी?
क्या दरोगा पर कोई नौकरी या पारिवारिक से संबंधित दबाव तो नहीं था?
क्या दरोगा की मौत के पीछे साज़िश हैं? क्योंकि मौके से दरोगा का मोबाइल बरामद नहीं हुआ हैं।
क्या दरोगा जालौन ट्रांसफर होने छुब्ध थे?
क्या दरोगा अपनी कांस्टेबल पत्नी से नाराज़ होकर घर से निकले थे?
डीसीपी दक्षिण केशव कुमार के मुताबिक, दरोगा ध्यान सिंह की मौत के मामले में हर जरूरी बिंदु पर टीम जांच कर रही है। दरोगा की लाश के पास उनका मोबाइल नहीं मिला है। ऐसे में सीडीआर रिपोर्ट को काफ़ी बारीकी से जांची जा रही हैं। मृतक के पारिवारिक स्थिति और नौकरी में उसके साथ बीते दोनों में क्या-क्या हुआ यह जानने के लिए उनसे जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही हैं।