500 सालों बाद खत्म होगा रामलला का बनवास
6 दिनों का अनुष्ठान, 150 वैदिक विद्वान, 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार अयोध्या (उत्तर प्रदेश)। रामलला 500 सालों के संघर्ष के बाद 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12:45 के बीच में भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगेह रामलला त्रेता युग में 14 वर्ष तक वनवास गए थे। लेकिन कलयुग में रामलला कई सालों तक वनवास काल में रहे। कई सालों तक रामलला अपनी ही नगरी अयोध्या में टेंट में रहे।
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लेकिन समय बदला सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया और 2019 से लेकर 2023 तक भव्य राम मंदिर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनकर तैयार हो गया। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में यजमान की भूमिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद होंगे तो वहीं आध्यात्मिक नगरी काशी के लगभग 150 वैदिक विद्वान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संपन्न करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको बता दें, कि भूमि पूजन में भी काशी के विद्वान ने भूमि पूजन कराया था। अब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं, तो काशी के वैदिक विद्वान ही रामलला को विराजमान करने में यज्ञ अनुष्ठान भी करेंगे।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का एक ऐसा मंत्र जो मात्र दो सेकंड का है और इसी मंत्र के साथ रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। रामलला के मंदिर के संघर्ष की कहानी भले ही 500 सालों की हो। लेकिन विराजमान होने का जो इतिहास होगा वह मात्र 2 सेकंड का होगा।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का एक स्पेशल मंत्र है। जिसके साथ ही रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान कराया जाएगा। मात्र 84 सेकंड में ही रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। तो वही मात्र दो सेकंड के मंत्र से ही रामलला को आध्यात्मिक नगरी काशी के वैदिक विद्वान विराजमान करेंगे।
काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित के साथ डेढ़ सौ वैदिक विद्वान इस कार्य को संपन्न करेंगे। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू होगा। 17 जनवरी को रामलला नगर भ्रमण पर निकलेंगे। उसके बाद 18 जनवरी को राम मंदिर परिसर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनेक अनुष्ठान किया जाएगा। इसके बाद 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होकर 23 जनवरी से राम भक्तों को अद्भुत और अलौकिक दर्शन देंगे।
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