5 मेगावाॅट तक सोलर पाॅवर प्लांट लगाओ, मध्य प्रदेश सरकार खरीदेंगी बिजली।

औद्योगिक इकाइयों को दिन में खपत बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 1 अप्रैल 2025 से घरेलू उपभोक्ताओं को भी दिन में विद्युत की खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20% की छूट दी जाएगी। इस तरह के अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं। अब कुसुम सी योजना में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादित बिजली सरकार खरीदेंगी। 30% तक अनुदान भी दिया जाएगा। इसके साथ ही पार्वती काली सिंध चंबल परियोजना का शिलान्यास होने के बाद इसे प्रशासकीय स्वीकृति के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।

मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 तक कुल बिजली की खपत के 50% हिस्से की पूर्ति सौर, पवन, जल विद्युत से करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब सरकार ने तय किया है कि 5 मेगावाट तक का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वालों से उत्पादित बिजली खरीदी जाएंगी। इसके लिए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के कुसुम सी योजना के प्रस्ताव पर गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 

वर्ष 2012 मैं प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 500 मेगावाट थी। वर्तमान में यह 7000 मेगावाट हो गई है। जो राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता का कुल 21% है। रीवा सौर ऊर्जा परियोजना से दिल्ली मेट्रो को बिजली दी जा रही है। इसका उपयोग वह गोवा, झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा में ट्रेनों के संचालन में कर रहा है। दिन में उत्पादित इस ऊर्जा का उपयोग अधिक से अधिक करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है।

औद्योगिक इकाइयों को दिन में खपत बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 1 अप्रैल 2025 से घरेलू उपभोक्ताओं को भी दिन में विद्युत की खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20% की छूट दी जाएंगी। इस तरह के अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं। आपको तुमसे योजना में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादित बिजली सरकार खरीदेंगी। 30% तक अनुदान भी दिया जाएगा। इसके साथ ही पार्वती- काली सिंध- चंबल परियोजना का शिलान्यास होने के बाद शासकीय स्वीकृति के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएंगा।

परियोजना से श्योपुर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, आगर, इंदौर, धार, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर ज़िले में पीने के पानी और सिंचाई की व्यवस्था होगी। इसका लाभ प्रदेश के 3,217 ग्रामों को लाभ मिलेगा। मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख, 13 हजार, 520 हेक्टेयर में सिंचाई होंगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होंगा।

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