बहराइच के संविलियन विद्यालय लक्ष्मनपुर शंकरपुर का डीएम मोनिका रानी ने किया औचक निरीक्षण… देखें Video
गणित व अंग्रेजी में छात्राओं ने दिखाई प्रतिभा, डीएम ने दी शाबाशी
रिपोर्ट : अतुल त्रिपाठी
बहराइच। परिषदीय विद्यालयों की शिक्षण गुणवत्ता और अन्य सुविधाओं का जायजा लेने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी ने विकास खंड रिसिया के पीएम श्री संविलियन विद्यालय लक्ष्मनपुर शंकरपुर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति, छात्र-छात्राओं के नामांकन, मध्यान्ह भोजन, निःशुल्क पुस्तक एवं ड्रेस वितरण, आधार फीडिंग और विद्यालय परिसर की साफ-सफाई की भी जांच की।
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निरीक्षण के दौरान डीएम ने कक्षा 8 की छात्रा मुस्कान से ब्लैक बोर्ड पर गुणा से संबंधित प्रश्न हल करवाया, वहीं कक्षा 7 की छात्रा सोनी से अंग्रेजी में “elephant” लिखने को कहा। दोनों छात्राओं ने सही उत्तर दिए, जिससे खुश होकर जिलाधिकारी ने सभी बच्चों से तालियां बजवाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
विद्यालय की स्थिति और शिक्षकों की उपस्थिति
निरीक्षण के दौरान प्रभारी प्रधानाध्यापक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यालय में सहायक अध्यापक अमित कुमार और सरिता शर्मा, तथा शिक्षा मित्र सुमन यादव और वसीम अली तैनात हैं।
विद्यालय में कुल 97 प्राथमिक छात्र (45 छात्र, 52 छात्राएं) नामांकित हैं, जिनमें से 24 छात्र और 30 छात्राएं उपस्थित थीं। जबकि जूनियर स्तर पर 177 छात्र-छात्राएं (85 छात्र, 92 छात्राएं) नामांकित हैं, जिनमें से 41 छात्र और 51 छात्राएं उपस्थित थे।
विद्यालय परिसर और सुविधाओं का किया निरीक्षण
डीएम ने विद्यालय परिसर का दौरा करते हुए नवनिर्मित कक्षाओं, दिव्यांग शौचालय, किचन गार्डन और रसोईघर की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मध्यान्ह भोजन (MDM) में बनाई गई तहरी की गुणवत्ता परखी और उपयोग किए जा रहे खाद्य पदार्थों, बर्तनों व उपकरणों की भी जांच की।
इसके अलावा, उन्होंने कम्पोजिट ग्रांट मद से खरीदे गए इन्वर्टर, बैटरी, प्रिंटर, सीसीटीवी कैमरे और खेलकूद सामग्री की भी समीक्षा की। स्कूल में हाल ही में बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण किया गया है, जिसका अवलोकन जिलाधिकारी ने किया और इससे संबंधित अभिलेखों की जांच की।
डीएम के निर्देश और शिक्षकों को सुझाव… देखें Video
निरीक्षण के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि विद्यालय में विभिन्न मदों से प्राप्त धनराशि के व्यय से संबंधित अभिलेख सुव्यवस्थित तरीके से रखें।
उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ संस्कार और नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा दें। इसके अलावा, बच्चों को खेल-कूद और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने पर भी जोर दिया गया।
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