10 पीआरडी जवान, प्रधानाचार्य समेत कई लोग धोखाधड़ी में फंसे, केस दर्ज
फर्जी शैक्षिक व जन्म प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे थे पीआरडी जवान, जिला युवा कल्याण अधिकारी ने दी तहरीर, रिपोर्ट दर्ज
लखीमपुर-खीरी। फर्जी शैक्षिक व जन्म प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हथियाने वाले 10 पीआरडी जवान फंस गए हैं। जिला युवा कल्याण अधिकारी ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है, जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सृजन इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग एवं पैरामेडिकल साइंसेज के प्रधानाचार्य, प्रबंधक समेत पांच लोगों के खिलाफ छात्रा का भविष्य खराब करने के मामले में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।
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जिला युवा कल्याण अधिकारी एवं प्रांतीय विकास अधिकारी अरविंद स्वरूप कुशवाहा ने बताया कि विकास खंड गोला के 12 पीआरडी जवानों ने कूटरचित शैक्षिक और जन्म तिथि प्रमाण पत्र शहर के मोहल्ला नौरंगाबाद में स्थित कार्यालय से ऑनलाइन डाटा फीडिंग में अपलोड कराए थे। इन प्रमाण पत्रों की जब महानिदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल ने जांच कराई तो दो जवानों के अभिलेख सही मिले, जबकि दस जवानों के अभिलेख फर्जी पाए गए थे।
महानिदेशक ने इन पीआरडी जवानों को सेवा से हटाने और एफआईआर दर्ज कराने के निर्दश दिए थे। इस पर आरोपी जवानों को सेवा से हटा दिया गया है। साथ ही आरोपी जवानों के खिलाफ सदर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है।
पुलिस ने आरोपी पीआरडी जवान हीरा लाल पुत्र सुकालीराम निवासी बढैयाखेड़ा, रामेश्वर दयाल पुत्र हजारी लाल निवासी बिलहरी, सत्येंद्र कुमार सिंह पुत्र राम सिंह निवासी घुन्सी थाना नीमगांव, ओम प्रकाश पुत्र गोकरन प्रसाद निवासी मुरासी, जगदीश प्रसाद पुत्र बाबूराम निवासी काजलकोरी, श्रीपाल पुत्र दयाराम ग्राम निवासी खुर्दा, ओम प्रकाश पुत्र रामदयाल ग्राम बसही खुर्द, सुरेंद्र कुमार पुत्र सालिकराम ग्राम खुर्दा, सुरेंद्र कुमार पुत्र वाहर लाल निवासी झारा और ज्ञानचंद्र पुत्र गोकरन प्रसाद निवासी झाऊपुर थाना हैदराबाद के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सृजन इंस्टीट्यूट प्रबंधक, प्रधानाचार्य समेत पांच पर धोखाधड़ी का केस दर्ज
लखीमपुर-खीरी शहर के मोहल्ला राजगढ़ निवासी कृष्ण कुमार वर्मा ने वर्ष 2021-22 में अपनी पौत्री दिव्या वर्मा का दाखिला सीतापुर रोड पर ओयल के निकट स्थित सृजन इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग एवं पैरामेडिकल साइंसेज में एएनएम कोर्स में करवाया था। दाखिले के बाद वह इस्टीट्यूट पढ़ाई करने जाने लगी थी।
आरोप है कि कुछ दिनों के बाद से इंस्टीट्यूट में कार्यरत अध्यापक सौरभ वर्मा आए दिन बेवजह छात्रा को फेल कर देने धमकी देकर प्रताड़ित करने लगे। प्रथम सेमस्टर की परीक्षा नवंबर 2022 में हुई थी। तब छात्रा का प्रवेशपत्र नहीं भेजा गया। इससे वह परीक्षा नहीं दे सकी। परीक्षा न होने का कारण पूछा गया तो उसे बताया गया कि प्रवेश देर से हुआ था।
अब उसकी परीक्षा फरवरी 2023 में होगी, लेकिन फरवरी 2023 में भी छात्रा की परीक्षा नहीं हुई। कृष्ण कुमार का कहना है कि उन्होंने इसकी शिकायत प्रधानाचार्य से की तो उन्होंने कहा कि परीक्षा अब मई 2003 में होगी। छात्रा को न ही वजीफा फार्म दिया गया और न ही भरवाया गया। बिना परीक्षा कराये छात्रा को द्वितीय सेमेस्टर में बैठाया गया। अध्यापक सीता ने भी छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। इससे छात्रा का भविष्य अंधकारमय है।
उन्हें जानकारी हुई है कि छात्रा को 2023 में परीक्षा के लिये इनरोल्ड किया गया है। विद्यालय ने छात्रा साथ धोखाधड़ी की गई हैं। उसका एक साल बर्बाद हो गया है। पुलिस के कार्रवाई न करने पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
प्रभारी निरीक्षक सदर चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पीआरडी जवानों और कोर्ट के आधआर पर सृजन इंस्टीट्यूट के प्रबंधक, प्रधानाचार्य समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। दोनों मामलों की जांच हो रही है।
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