हेड कांस्टेबल ने की मोहब्बत में दगा, महिला सिपाही का किया कत्ल
महिला सिपाही की मर्डर मिस्ट्री से 2 साल बाद राज खुला।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर व सह प्रभारी उत्तर प्रदेश) TV9 भारत समाचार (नई दिल्ली)। दिल्ली पुलिस ने ही कर दी पुलिस की हत्या, पुलिस को मिली सफलता। एक महिला सिपाही का कत्ल करने की मर्डर मिस्ट्री से 2 साल बाद राज खुला है। इस महिला का कत्ल करने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद दिल्ली पुलिस का ही हेड कांस्टेबल निकला। इस कहानी में एक्स्ट्रा मटेरियल, अफेयर, प्यार ,धोखा, कत्ल और आखिर में लाश को जिंदा रखने की अजब कहानी है। लेकिन अंत में महिला सिपाही का सिर्फ कंकाल मिलता है। मर्डर के बाद जिस तरह से फिल्म ‘दृश्यम’ में नकली कहानी बनाई गई उससे भी कहीं ज्यादा इस मिस्ट्री को बरकरार रखने के लिए उस पुलिस वाले ने कहानी बनाई। ऐसी कहानी जिसमें खुद कई महीनो तक दिल्ली पुलिस चकमा खाती रही। लेकिन आखिरकार हर कातिल के कत्ल की कहानी एक न एक दिन सामने आती है। दिल्ली पुलिस ने जब इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठाया तो उनके ही विभाग का हेड कांस्टेबल निकाला।
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कहानी की शुरुआत सन 2019 से होती है। उस समय दिल्ली पुलिस की एक महिला सिपाही रुचिका की मुलाकात हेड कांस्टेबल सुरेंद्र से होती है। सुरेंद्र साल 2012 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। वह शादीशुदा था, और पत्नी के साथ दिल्ली के अलीपुर में रहता था। जबकि महिला सिपाही बुलंदशहर की रहने वाली थी। लेकिन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहती थी। यहीं से उसका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस में हुआ था। ड्यूटी के दौरान दोनों में दोस्ती और फिर प्यार हो गया था। दोनों में काफी नजदीकी भी रही इसके बाद महिला सिपाही सुरेंद्र से शादी करने की बात कहने लगी। लेकिन सुरेंद्र जो पहले खुद को कुंवारा बताता था, असल में वह शादीशुदा था। लेकिन यह बात उसने महिला सिपाही से छुपायी थी। लेकिन महिला सिपाही ने सुरेंद्र के बारे में अपने घर पर सभी को बता दिया था। कि वह उससे प्यार करती है, और शादी करना चाहती हैं। महिला सिपाही के परिवार के लोग शादी के लिए तैयार भी हो गए थे। 2 साल तक प्यार और शादी तक पहुंचाने के बाद भी सुरेंद्र ने अपना राज छुपाए रखा। इस बीच एक दिन अचानक महिला सिपाही ने सरप्राइज देने का प्लान बनाया। वह सुरेंद्र के अलीपुर वाले घर के पास पहुंच गई और उसे फोन किया। सुरेंद्र किसी तरह जल्दबाजी में गाड़ी लेकर महिला सिपाही के पास पहुंचा तो महिला सिपाही ने उसे अपने घर ले जाने के लिए कहा, इस पर सुरेंद्र बार-बार बहाने बनाने लगा, और अपनी कर को यमुना किनारे घूमने के बहाने ले गया। वहां जाने के बाद रास्ते में ही हेड कांस्टेबल सुरेंद्र ने महिला सिपाही की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसकी लाश को एक नाले के किनारे दफना दिया। अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद उसके बैग और फोन को अपने पास रख लिया और खुद ही शिकायत लेकर पुलिस के पास पंहुचा। बात 8 सितंबर 2021 की है काफी समय से जब महिला सिपाही का फोन उसके घर वालों को नहीं मिला तो उन्होंने मुखर्जी नगर थाने की पुलिस से संपर्क किया। सुरेंद्र से भी जानकारी मांगी, तब उसने बताया कि वह भी काफी परेशान है। उससे भी रुचिका की कोई बात नहीं हुई है। इसके बाद सुरेंद्र ने खुद महिला सिपाही के परिवार वालों के साथ मुखर्जी नगर थाने में जाकर उसकी गुमशुदा की शिकायत दर्ज कराई थी। जिससे उसके परिवार वालों को भी शक नहीं हो पाया। इसके बाद कई बार वह सीनियर पुलिस अफसर से मिलकर उसकी पड़ताल करने के गुहार लगाता रहा। फिल्म ‘दृश्यम’ की तरह चकमा देता रहा। इसी बीच हेड कांस्टेबल ने दिल्ली पुलिस और महिला सिपाही के परिवार को चकमा देने के लिए अजीब साजिश रच डाली। उसने महिला सिपाही के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की अलग-अलग कॉपी निकाल कर अपने पास रख लिये। इसके बाद उसी के जैसे दिखने वाली एक कॉल गर्ल का पता लगाया। फिर उस कॉल गर्ल के साथ उत्तराखंड के देहरादून, ऋषिकेश और फिर मसूरी के होटल में रुकने जाता था। उसी दौरान कॉल गर्ल के असली नाम और डॉक्यूमेंट की जगह होटल मे रिसेप्शन पर उस मर चुकी महिला सिपाही के डॉक्यूमेंट दे देता था। फिर कई बार वह अपने डॉक्यूमेंट उस होटल में जानबूझकर कहीं गिरा देता था, और फिर महिला सिपाही के फोन से ही होटल में कॉल करता था। जिसे ट्रेस कर दिल्ली पुलिस वहां पहुंचती थी तो होटल वाले कहते थे कि हां होटल में वह लड़की आई थी। इस तरह पुलिस के साथ महिला सिपाही का परिवार भी गुमराह हो जाता था। कहानी की शुरुआत सन 2019 से होती है। सालों के बाद कड़ी मेहनत करने के बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने पूरा जोर लगाकर इस मामले को हल किया।
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