स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी के मूर्ति के लिए बनाए गए चबूतरे को प्रशासन ने किया बुलडोजर चलाकर ध्वस्त
बड़हलगंज के ग्राम टांडा के गेट पर था स्थापित था चबूतरा
दिनेश चन्द्र मिश्र, मंडल प्रभारी :गोरखपुर। पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वर्गीय पंडित हरिशंकर तिवारी के आगामी 5 अगस्त को आयोजित जन्मतिथि के अवसर पर उनके पैतृक गांव गोरखपुर के बड़हलगंज थाना स्थित गांव टाडा में मूर्ति के लिए बनाए गए चबूतरे को बुधवार को स्थानीय प्रशासन ने बुलडोजर चला कर गिरा दिया।
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प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों में आक्रोश है। वहीं स्वर्गीय पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी ने इसके लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।उन्होंने कहा कि चिल्लूपार से सात बार विधायक और सन 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की भिन्न भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे सम्मान व स्वाभिमान के प्रतीक स्व. पण्डित हरिशंकर तिवारी जी के जन्म दिवस 5 अगस्त को उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करने का मन बनाकर मेरे गांव टाड़ा के ग्रामप्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया।
विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति हेतु उपजिलाधिकारी तहसील गोला को प्रेषित किया और अपनी तैयारी में लग गए ..स्व.पंडित हरिशंकर तिवारी के कद पद प्रतिष्ठा सम्मान के अनुरूप उन्हे अपनी श्रद्धांजलि देने हेतु ग्राम वासियों के अतिरिक्त अन्य कई सारे वरिष्ठ नेताओं पूर्व मंत्रियों और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति होनी है सो स्वाभाविक रूप से इस आयोजन को एक भव्य स्वरूप देने की तैयारी चल रही थी कि अचानक आज दिनांक 31 जुलाई को मूर्ति स्थापना हेतु निर्मित चबूतरे को ढहाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बुल्डोजर वाली सरकार बुल्डोजर के साथ पहुंची और निर्मित चबूतरे को ढहा दिया गया !
अब आप इसे क्या कहेंगे ..जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गॉड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो ..जो व्यक्ति हिंदुआ सूर्य माननीय कल्याण सिंह जी की सरकार में भी उनका सहयोगी मंत्री रहा हो.. जिस व्यक्ति को भारत रत्न माननीय अटल बिहारी वाजपेई जी के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो .. माननीय मुलायम सिंह यादव जी ..बहन मायावती जी की सरकारों ने भी जिन्हे कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो और जो ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों .. उनके मरने के बाद वर्तमान के निरंकुश शासनाधीष द्वारा लगातार उन्हे अपमानित किया जा रहा हो तो .. हमे क्या करना चाहिए .. गांव में उनकी मूर्ति स्थापित हो यह निर्णय हम उनके पुत्रों का नही था ..यह निर्णय है ग्रामवासियों का .. गांव के नागरिकों द्वारा निर्वाचित ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति का पर अब यह हमारे स्वाभिमान का विषय भी बनता है और मेरे ही नही यह व्यवहार किसी भी स्वाभिमानी पिता के स्वाभिमानी पुत्र के साथ होता हो तो उसे सहन नही करना चाहिए ..हम भी नही करेंगे और इस अराजकता का उत्तर कानून और व्यवस्था की परिधि में रहकर अवश्य देंगे ..आप सभी का स्नेह सहयोग समर्थन की अपेक्षा रहेगी और हां एक अपील अपने सहयोगियों से समर्थकों से धैर्य और शांति बनाए रखें..इस अनीति का उत्तर दिया जायेगा पर कानून व्यवस्था और मर्यादा की परिधि में रहकर उत्तर दिया जायेगा।
यह राजनैतिक अराजकता है .. प्रशासनिक गुंडई है ..या सत्ता का अहंकार .. नीचता निकृष्टता की पराकाष्ठा या व्यक्तिगत शत्रुता.. ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती या समूची इन्सानियत की हत्या .. यह निर्णय समय पर चिल्लूपार विधान सभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है !
इस बाबत तहसील के उप जिलाधिकारी राजू कुमार का कहना है कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच की और सार्वजनिक स्थल पर बनाए गए चबूतरे को तुड़वा दिया गया।
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