सुप्रीम कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सभी पक्षों को अगस्त तक तैयारी करने को कहा
इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस विवाद से संबंधित मूल मुकदमे में चल रही सुनवाई पर कोई रोक नहीं है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV9 भारत समाचार नई दिल्ली। मथुरा में श्री कृष्ण जन्म स्थान से सटी शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे पर फिलहाल रोक जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सर्वे पर रोक का अपना अंतिम आदेश आगे बढ़ा दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को 5 अगस्त को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हीं साफ किया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस विवाद से संबंधित मूल मुकदमे में चल रही सुनवाई पर कोई रोक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में कई याचिाकाई लंबित है। जिनमें शाही ईदगाह मस्जिद में कोर्ट की निगरानी में सर्वे के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गत 16 जनवरी को हाईकोर्ट के 14 दिसंबर 2023 के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद में कोर्ट की निगरानी में सर्वे का आदेश दिया गया था। इसके अलावा कृष्ण जन्म स्थान शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मथुरा के जिला अदालत में लंबित सभी मुकदमे इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करने के हाई कोर्ट के 26 मई, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है। सोमवार को यह सभी मामले न्याय मूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगे थे।
पीठ ने मामले की सुनवाई अगस्त तक टालते हुए सभी पक्षों को तब तक ब्लीडिंग यानी उत्तर प्रति उत्तर दाखिल करने का काम पूरा करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस बीच सभी अंतरिम आदेश जारी रहेंगे। जब मंदिर पक्ष की ओर से पेश वकील ने कहा कि हाईकोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई होनी है और वहां मंदिर पक्ष के शाही ईदगाह मस्जिद पर दावे के मूल मुकदमे की सुनवाई योग्यता का मामला लंबित है। तो सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि हाई कोर्ट में लंबित वाद की सुनवाई पर कोई रोक नहीं है।
सोमवार को मंदिर पक्ष की ओर से एक पक्ष का श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडे भगवान कृष्ण की प्रतिमा के साथ सुप्रीम कोर्ट परिषद पहुंचे। ट्रस्ट ने भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही मस्जिद ईदगाह आदि की तरफ से अलग से एक मुकदमा निचली अदालत में दाखिल कर रखा है। जिसमें मांग है कि ईदगाह मस्जिद को हटाकर सारा परिसर कृष्ण जन्म स्थान को सौपा जाए। यह मुकदमा फिलहाल हाई कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है। इसकी सुनवाई योग्यता पर 16 अप्रैल को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।