सामाजिक सरोकार : दृष्टिहीन लोगों की जिंदगियों में उजाले के लिए 6 परोपकारियों ने भरे नेत्रदान संकल्प पत्र

किसी के अंधेरे जीवन में रोशनी लाने से बड़ा कोई काम नहीं-धर्मेंद्र यादव

अखिलेश राय, एडिटर इन चीफ : tv9भारत समाचार : झज्जर। जिला मुख्यालय के अंतिम छोर पर बसे वीरों की देवभूमि कहे जाने वाले गांव धारौली की सामाजिक संस्था मां-मातृभूमि सेवा समिति द्वारा दृष्टिहीन लोगों के अंधेरे जीवन मे उजाला भरने के उद्देश्य से मेडी जेईई करियर इंस्टीट्यूट, कोसली में सातवाँ नेत्रदान जागरूकता शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

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कार्यक्रम के मुख्यातिथि सुधराना गांव की रक्तदानी लक्ष्मी सिंह ने इस मौके पर कहा कि हम सभी को नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए जिससे किसी अंधे व्यक्ति का जीवन उजाले से भर जाए। विशेष अतिथि के तौर पर 14 बार रक्तदान कर चुके हरियाणवी लोक गायक अजीत कुमार रगीला थे। विशेष अतिथि ने कहा कि नेत्रदान महादान है, नेत्रदान करें और दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाएं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मेंद्र यादव, डायरेक्टर, मेडी जेईई करियर इंस्टीट्यूट, कोसली ने की। धर्मेंद्र यादव, डायरेक्टर ने कहा कि किसी के अंधेरे जीवन में रोशनी लाने से बड़ा कोई काम नहीं।इस नेत्रदान जागरूकता शिविर में किसी के जीवन में रौशनी लाने से बेहतर कोई दूसरा काम नहीं है को ध्यान में रखते हुए 6 परोपकारियों ने नेत्रदान संकल्प पत्र भरे, जिनमे 1.कोसली गांव निवासी राकेश कुमार यादव, हरियाणा राज्य परिवहन में कार्यरत, 2.दडोली गांव से रक्तदानी प्रवीण कुमार, 3. कोसली गांव से ममता यादव 4. भाकली गांव से वंदना यादव, 5. कोसली गांव से रक्तदानी मास्टर रोहित यादव और 6. रक्तदानी नितेश भोरिया जी कोसली आदि ।

इस अवसर पर नेत्रदान संकल्प पत्र भर चुके व सामाजिक कार्यों में अग्रणी शिक्षक डॉ महावीर सिंह निर्दोष कोसली व नेत्रदान संकल्प पत्र भर चुके मंजीत सिंह, श्री हँस बैग हाउस, कोसली ने अपने विचार साझा किये । डॉ. महावीर सिंह व मंजीत सिंह ने बताया कि नेत्रदान महादान है। नेत्रदान से अंधे लोगों के जीवन का अंधेरा दूर किया जहा सकता है।

20 बार रक्तदान कर चुके युद्धवीर सिंह लांबा, अध्यक्ष, मां-मातृभूमि सेवा समिति, वीरों की देवभूमि धारौली ने दृष्टिहीन जिंदगियों के अंधेरे जीवन में उजाले के लिए नेत्रदान संकल्प पत्र भरने वाले सभी बुद्धिजीवियों का आभार व्यक्त किया । युद्धवीर सिंह लांबा ने कहा कि नेत्रदान एक पुण्य का काम हैं, क्योंकि इस दान से आप और हम किसी नेत्रहीन व्यक्ति की जिंदगी में उजाला ला सकते हैं। युद्धवीर सिंह लांबा ने कहा कि विश्व के दृष्टिबाधित लोगों की एक बड़ी आबादी हमारे देश में रहती है। यह चिंता का विषय है।

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