सरकार के मानवीय उदासीनता स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के कारण प्राइवेट चिकित्सक नवजात शिशुओं के जानलेवा हुए साबित
तमाम क्लीनिक खोलकर डॉक्टर के फर्जी बोर्ड लगाकर महिला,परुष डॉक्टर कर रहे हैं गर्भवती महिलाओं का इलाज,फर्जी डिग्री फर्जी बोर्ड का सत्यापन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नहीं करने के कारण आए दिन हो रही है मृत्यु दर की घटनाएं
tv9भारत समाचार : कृष्णा यादव,तमकुहीराज/ भौरे – गोपालगंज। बाजार चट्टी चौराहे पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर बिना स्वास्थ्य विभाग के अनुमति लिए कुछ लोग दूर दराज के डॉक्टरों का नाम प्लेट लगाकर गर्भवती महिलाओं का इलाज कर रहे हैं। दूर दराज गांव देहात के लोग कुछ पेशावर आशा कर्मियों के बहकावे में आकर ऐसी जगह पर इलाज कराने जा रहे हैं। जहां पर प्रसव पीड़ा के दौरान जच्चा बच्चा का जान जोखिम में चला जा रहा है। कही-कही जच्चा की मृत्यु तो कहीं बच्चा के मृत की खबर लगातार सामने आ रही है।
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एक हृदय विधायक घटना बिहार प्रांत के भोरे प्रखंड स्थित भोरे बाजार में काली मोड ,मातृ छाया हॉस्पिटल में बिगत दोनों घटित हुई है जिसमें एक मां के गलत इलाज करने के कारण जुड़वा बच्चे की मृत्यू अवस्था में जन्म दी है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार तमकुहीराज के बिशनपुर गांव की निवासी स
शाबाना खातून गर्भवती महिला का इलाज भोरे बाजार में छाया हॉस्पिटल में चल रहा था। जिसकी दवाई इलाज पहले से वहां कार्यरत डॉक्टर के देखरेख में चल रहा था। प्रसव पीड़ा के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। परंतु गैर प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा दवा इलाज करने के कारण गलत इंजेक्शन दिया गया। परिजनों से कहा गया कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। तुरंत ऐसा ना हो करके उसकी बीमारी और बढ़ती गई डॉक्टर ने गोरखपुर रेफर कर दिया। जहां पर गर्भवती के पेट से जुड़वा मृत बच्चे जन्म लिए। जिससे पीड़ित के परिवार में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा पर्ची की दवा लिखी गई है। उसे पर छाया हॉस्पिटल का पैड पर डॉक्टर अंजलि कुमार वर्मा बीएएमएस हजारीबाग स्त्री प्रसूति एवं बाझपन रोग विशेषज्ञ रजि0नं02347 अंकित है। साथ ही डॉक्टर रितु बीएएमएस हजारीबाग स्त्री प्रसूति एवं बचपन रोग विशेषज्ञ रजिस्ट्रेशन नंबर 2937 तथा डॉक्टर प्रभात एमबीबीएस रिटायर उपाध्यक्ष सदर हॉस्पिटल गोपालगंज रजिस्ट्रेशन नंबर 19 913 डॉ कुमार एमबीबीएस एमडी जनरल फिजिशियन एवं शिशु रोग विशेषज्ञ रजिस्ट्रेशन नंबर 45029 अंकित है. इस बोर्ड को देखकर भोले भाले मरीज बड़ा हॉस्पिटल समझकर अच्छे डॉक्टर के बैनर पर चलने वाला हॉस्पिटल समझकर दवा इलाज करा रहे हैं।
सवाल इस बात का दर्शाता है कि बिहार सरकार एवं जिलाधिकारी गोपालगंज को इस तथ्यों की जांच करानी चाहिए कि वास्तव में वहां डॉक्टर बैठते हैं अथवा नहीं क्या फर्जी डॉक्टरों के द्वारा इलाज तो शुरू नहीं किया गया है।
साथ ही गलत दवा देने के कारण जुड़वा बच्चों की मृत्यु के विरुद्ध जांच कर दोषी डॉक्टरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जनता को न्याय दिलाने में सहयोग करना चाहिए। परंतु गोपालगंज स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरकर बैठा हुआ है। पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग करते हुए दोषी डॉक्टरों के विरुद्ध बिहार सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है।
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