सरकारी पेट्रोलियम कंपनी से डामर का टैंकर निकलेगा, तो उपयंत्री के ओटीपी से ही खुलेंगा।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के पदाधिकारी के साथ बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि ठेकेदार के हॉट मिक्स प्लांट पर डामर की सप्लाई के समय संबंधित इंजीनियर द्वारा रिफायनरी कंपनियों से पर्याप्त मात्रा में डामर उपार्जन के लिए संभावित सहयोग पर भी चर्चा की गई है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।

अब सड़क निर्माण स्थल पर जीपीएस आधारित ई- लॉकिंग सिस्टम वाले टैंकरों से डामर की सप्लाई की जाएंगी। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम से ही डामर की खरीद होंगी।

इस प्रक्रिया से ही डामर की गुणवत्ता सुनिश्चित होंगी, और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता आएंगी। यह व्यवस्था इस प्रकार होगी कि रिफाइनरी बिस्तर पर टैंक लॉक हो जाएंगा और परिवहन रूट भी परिभाषित कर दिया जाएंगा। अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद संबंधित उपेंद्र द्वारा मोबाइल फ़ोन पर ही ओटीपी डालने पर ही टैंकर अनलॉक होंगा।

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लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि ठेकेदार के हॉट मिक्स प्लांट पर डामर की सप्लाई के समय संबंधित इंजीनियर द्वारा रिफायनरी के पोर्टल सप्लाई देयक को वेरीफाई किया जाएंगा। बैठक में सरकारी रिफाइनरी कंपनियों से पर्याप्त मात्रा में डामर उपार्जन के लिए संभावित सहयोग पर चर्चा की गई। निरीक्षक की नई व्यवस्था मंत्री सिंह ने औचक निरीक्षण के लिए नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। जिसके अंतर्गत मुख्य अभियंताओं का दल बनाकर प्रत्येक महीने की 5 और 20 तारीख को निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण कराया जाएंगा।

इन निरीक्षणों के लिए ज़िलों, निर्माण कार्यों, निरीक्षण दलों का चयन सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेंडम आधार पर किया जाएंगा। निरीक्षण के लिए मुख्य अभियंताओं को निरीक्षण से पहले 2 दिन पहले जिलों की सूचना दी जाएंगी। जबकि उन्हें निरीक्षण कार्यों की जानकारी एक दिन पूर्व शाम को दी जाएंगी। निरीक्षण दलों, जिलों, निर्माण कार्यों का चयन, आदि सब कुछ ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से होंगा। निरीक्षण के उपरांत सभी दल अपने निरीक्षण रिपोर्ट अगले ही दिन जियोटेग्ड फोटोस के साथ सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेंगे।

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