सड़क नहीं बनने पर ग्रामीणों ने लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी
आधा दर्जन गांवों में नहीं है सड़क , बरसात के दिनों में सभी गांव बन जाते हैं टापू, मरीजों के लिए खटिया ही एकमात्र सहारा।
राजेश प्रकाश TV9 भारत समाचार (झारखंड)। रामगढ़ के समाजसेवी सह युवा नेता जीतलाल राय के अध्यक्षता में हल्ला बोल आंख खोल कार्यक्रम के तहत जिला परिषद सदस्य अनीता देवी सहित सैकड़ो ग्रामीणों ने कांजवै तथा भालसुमर पंचायत अंतर्गत पढ़ने वाले पहलूडीह, बोकना, कनीया जमाये, बाबूपुर, मायापुर सहित विभिन्न गांव में पदयात्रा कर सरकार से जर्जर सड़क बनाने की मांग की, पदयात्रा के दौरान ग्रामीण रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगा रहे थे।
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पदयात्रा में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि अगर लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व इन सभी गांव में सड़क निर्माण नहीं होता है, तो ग्रामीणों द्वारा लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। बता दें कि रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत के कई ऐसे गांव हैं जो बरसात के दिनों में टापू बन जाते हैं कई सड़क तालाब में तब्दील हो जाती हैं। इस वर्ष 15 दिनों से हो रही बरसात के कारण कई गांव का संपर्क मुख्य सड़क से टूट गया है। इन गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए या फिर अचानक से कोई इमरजेंसी हो जाए तो खटिया एंबुलेंस ही एक मात्र सहारा है। खटिया पर टांग कर बीमार लोगों को मुख्य मार्ग पर लाने के बाद ही उसे गाड़ी की सुविधा मिल पाती है। रामगढ़ प्रखंड के छोटी रणबहियार पंचायत के सेजा पहाड़ी से आलू वाडा होते हुए छोटीरणबहियार तक पूरी सड़क बरसात में कीचड़ में हो जाती है। इस रास्ते पर लोगों को पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। मगर जनता सिर्फ कोरे आश्वासन के भरोसे जिंदगी गुजर रही है। मायापुर के ग्राम प्रधान बुधन राय, ग्रामीण भूदेव राय ,पहलुड़ीह के टुनटुन राय, महेंद्र राय, हरिहर दास, शंकर दास ने बताया कि यहां के सांसद तथा विधायक से दर्जनों बार इन सड़कों को बनवाने का अनुरोध किया गया, मगर आज तक दोनों के द्वारा सिर्फ कोरा आश्वासन दिया गया। अगर इन सड़कों का निर्माण नहीं हुआ तो आने वाले समय में जनता इनका हिसाब करेंगी।
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