श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार भजन कीर्तन पाठ पूजा तथा उपवास व्रत रखकर मनाया गया

मंदिर तथा घरों में झांकियां सजाकर उपवास व्रत के साथ श्री कृष्णा जन्म कथा सुनकर मनाई गई जन्माष्टमी

कृष्णा यादव,तमकुहीराज / कुशीनगर। भगवान श्री कृष्ण के जन्म उनके बाल लीलाओं और उनके जीवन का महत्वपूर्ण प्रसंग श्री कृष्ण जन्म कथा सुनने से प्राप्त होता है जन्माष्टमी के दिन कथा सुनना अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है।यह कथा भगवान श्री कृष्ण उनकी जन्म बाल लीलाओं और उनके जीवन के महत्व प्रसंग का वर्णन करती है कथा सुनने भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख शांति और समृद्ध का वास होता है।

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फोटो कैप्शन – जन्माष्टमी के दिन भयंकर बारिश और उफनती नदी को पार कर नन्द के घर कृष्ण को ले जाते हुए उनके पिता वासुदेव

बड़े ही उत्साह के साथ तमकुही राज में मंदिर पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव की झांकियां सजाकर भजन कीर्तन एवं बड़े ही श्रद्धा भाव से संगीत मय वातावरण में जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं द्वारा गांव-गांव में पंडाल सजाकर भगवान श्री कृष्णा और राधा की मूर्ति रखकर पूजा पाठ विधि विधान द्वारा जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण युवा पूजा पाठ के बाद प्रसाद का भी वितरण लोगों में इस जन्माष्टमी त्योहार पर किया और जन्माष्टमी त्योहार धूमधाम से मनाया।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा की राजा कंस की कारागार में हुआ था तथा उनका पालन- पोषण नंद गांव में नंद बाबा के घर माता यशोदा के के द्वारा किया गया था ।भारतवर्ष के कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करके मथुरा वासियों को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाने का कार्य किया था। सुख -समृद्धि शांति के प्रति भगवान श्री कृष्ण का त्याग तथा कर्तव्यों का बोध होता है।

सनातन धर्म की रक्षा हेतु पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है तथा मनाया जाता रहेगा। श्री कृष्ण के आदर्शों पर चलते हुए इस देश को शांति और प्रगति पर ले जाने का निरंतर प्रयास सरकार के द्वारा द्वारा किया जा रहा है। सोमवार के दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव का त्यौहार गांव से लेकर शहर तक बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।

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