राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खुरपका मुंहपका रोग नियंत्रण हेतु टीकाकरण का हुआ आगाज

गठित टीमों के सचल वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर अभियान का किया गया शुभारम्भ,45 दिन तक अनवरत रूप से चलेगा अभियान

अहमद हुसैन, प्रदेश संवाददाता : पडरौना /कुशीनगर (उप्र )। पशुपालन विभाग की ओर से दुधारू पशुओं के लिए एक के बाद एक लगातार टीकाकरण अभियान चलाये जा रहे है। जिलाधिकारी द्वारा टीकाकरण हेतु गठित टीमों के सचल वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर अभियान का शुभारम्भ किया गया।इसी क्रम में सोमवार दिनांक 15.07.2024 से खुरपका, मुंहपका रोगो के बचाव के लिए टीकाकरण शुरू हो गया है। इसके लिए जनपद के विकास खण्ड स्तर पर टीकाकरण टीम का गठन कर लिया गया है। जो घर-घर पहुंचकर पशुपालको की मौजूदगी में उनके मवेशीयों को निःशुल्क टीकाकरण करेगी।

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फोटो कैप्शन -जिला मुख्यालय पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कुशीनगर के साथ उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी / पशुचिकित्साधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी एवं क्रियाशील पशुमित्रों को टीम 

यह अभियान 45 दिन तक अनवरत रूप से चलेगा। जनपद में 20 वी पशुगणना के अनुसार 165224 गोवंश एवं 170194 महिषवंशीय कुल 335418 पशु है। जिनका टीकाकरण किया जाना है। जिसके लिए विभाग से 301900 डोज वैक्सिीन प्राप्त हुआ है।

डा० रवीन्द्र प्रसाद, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कुशीनगर ने बताया कि टीकाकरण के लिए उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी / पशुचिकित्साधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी एवं क्रियाशील पशुमित्रों को टीम के रूप में लगाया गया है।

जिसकें द्वारा टीकाकरण के बाद पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिन पशुपालकों ने पशुओं का पंजीकरण नहीं कराया है। उनके पशुओं को कान में छल्ला लगाकर विभाग द्वारा पंजीकरण कराया जायेगा। पशुपालक के मोबाईल नम्बर से ओ०टी०पी० पश्चात् ही पंजीयन पूर्ण माना जायेगा। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने सभी पशुपालको से हर हाल में अपने पशुओं के कान में छल्ला एवं टीकाकरण कराने की अपील की है।

उन्होंने बताया कि विकास खण्ड कप्तानगंज-के ग्राम खैरातेवा एवं विकास खण्ड तमकुहीराज के ग्राम डिवनी वजंरवा में गाय भैस के सैम्पल भी लिए जायेंगे।

पशुओ को लगाये जाने वाले वाली वैक्सीन की गुणवत्ता जाचने हेतु उपरोक्त ग्रामीण क्षेत्रों के 13,13 सीरम सैंपल (खुन के नमुने) टीकाकरण से पहले तथा एक माह बाद (टीकाकरण) के बाद उन्ही पशुओं से सीरम सैम्पल (खून के नमुने) लिये जायेगे। जिनको जाच के लिए अनुसंधान केन्द्र वेटेरिनरी कालेज मथुरा की लैब में भेजा जायेगा।जिससे वैक्सीन की गुणवत्ता का पता चल सके।

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