मशहूर यतीम खाने पर शिया व़क्फ़ बोर्ड के चेयरमैन की नियत ख़राब, मौलाना कल्बे जवाद नाम की चादर ओढ़ छुपाते अपने गुनाह।
रविवार इतवार को जब कुछ मीडिया वाले यतीम खाने पहुंचे और उनकी जानकारी ली तभी आनन -फानन में अध्यक्ष द्वारा मौलाना कल्बे पर जवाद को ले जाकर कथित कामों को दिखाया गया और यह समझाने की कोशिश की गई है कि बच्चों को कोई नहीं निकल रहा। यही नहीं मौलाना द्वारा बच्चों को आश्वासन दिलाया गया कि जब तक तुम लोगों की पढ़ाई पूरी नहीं हो जाती तब तक तुम लोग यहीं इसी कैंपस में रहोगे। अब सवाल यह पैदा होता है कि इस तरह की नौबत आई ही क्यों?
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश )।
राजधानी लखनऊ के मशहूर यतीम खाने पर शिया व़क्फ़ बोर्ड के चेयरमैन की नियत ख़राब, शिया यतीम खाना पिछले काफी दिनों से विवादों में घिरा हुआ है। मामला तूल पकड़ता तब नज़र आया, जब चेयरमैन द्वारा उक्त यतीम खाने से यतीम बच्चों को निकालने की बात सामने आई। हालांकि, चेयरमैन द्वारा यह बताने की कोशिश की गई कि निकाल कोई नहीं रहा हैं।
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जबकि सत्यता यही है कि अध्यक्ष द्वारा लगातार इस बात की कोशिश पुलिस द्वारा की जा रही है कि किसी तरह यतीम खाना खाली हो जाए जिससे पूरी तरह अध्यक्ष एवं उनकी बहन का पूर्ण कब्ज़ा हो सकें, यही वज़ह है जो बीच-बीच में इस तरह की हरकतें हो रही हैं। अब जब बात कुछ ज़्यादा बढ़ गई है तो तुरंत चेयरमैन द्वारा अपने गुनाहों को छुपाने के लिए मौलाना कल्बे जवाद नाम की चादर ओढ़ ली, जिससे कि उनके गुनाह छुप जाएं।
रविवार इतवार को जब कुछ मीडिया वाले यतीम खाने पहुंचे और जानकारी ली तभी आनन – फानन में चेयरमैन द्वारा मौलाना कल्बे जवाद को ले जाकर कथित कामों को दिखाया गया और यह समझाने की कोशिश की गई कि बच्चों को कोई नहीं निकल रहा है। यही नहीं कि मौलाना द्वारा बच्चों को आश्वासन दिलाया गया है कि जब तक तुम लोगों ही पढ़ाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक तुम लोग यहीं इसी कैंपस में रहोगें, अब सवाल यह पैदा होता है कि इस तरह की नौबत आई ही क्यों?
अभी इससे पूर्व यतीम खाने का मामला सामने आया था एवं चेयरमैन द्वारा अपना वीडियो बनाकर यह बताने की कोशिश की गई थी कि यह स्कूल गरीब बच्चों के लिए खोला गया है। आप समझ सकते हैं कि यह स्कूल गरीब बच्चों के लिए है, जिसकी सेकंड क्लास की मंथली फ़ीस 1600 रुपये है, एवं तिमाही 4,950 रुपये जबकि एडमिशन फ़ीस 2 हज़ार रुपये है और फार्म ₹100 का है।
शिक्षा व़क्फ़ बोर्ड द्वारा चेयरमैन द्वारा अपनी बहन को उक्त यतीम खाने में स्कूल खुलवा दिया गया है। जबकि यह मिल्कियत कौ़म की ना कि शिया व़क्फ़ बोर्ड चेयरमैन की। अब जब क़ौम के कुछ ज़िम्मेदार लोग उठ खड़े हुए तो चेयरमैन द्वारा मौलाना कल्बे जवाद का दौरा कराकर मामले को साधने की कोशिश की गई हैं। लोगों का कहना है कि पूर्व चेयरमैन से कहीं ज़्यादा मौजूदा चेयरमैन भ्रष्ट है, करोड़ों रुपए की व़क्फ़ संपत्ति को नष्ट करने और अपनी जेबें भरने में लगे हैं। समय रहते अगर समाज के लोग नहीं जागरूक हुए तो चेयरमैन द्वारा सारी संपत्ति यूं ही नष्ट -भ्रष्ट हो जाएंगी।
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