भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन पर प्रशिक्षण लेने आए बक्सर, बिहार के किसान 

वहीं दूसरे दिवस पर, वैज्ञानिक डॉ श्रीपति ने बक्सर, बिहार से आए कृषकों को बीज प्रमाणीकरण से अवगत कराया 

दुर्गेश राय,मऊ। बक्सर, बिहार से आए 35 कृषकों का भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् – भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ दिनांक 17 सितम्बर 2024 को आयोजित किया गया ।

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निदेशक डॉ संजय कुमार के मार्गदर्शन में चल रहे इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (ATMA), बक्सर, बिहार द्वारा प्रायोजित है।

कृषकों को संबोधित करते हुए डॉ संजय कुमार ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् का उद्देश्य है कि कृषि से जुड़े शोध का प्रसार तथा खोज के उपयोगी परिणामों का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे जिसके लिए संस्थान सदैव प्रयासरत रहता है।

उन्होंने सर्वप्रथम किसानों को प्रभावशाली बीज उत्पादित कर अपनी साख बनाने के लिए प्रेरित किया तथा फिर समूह बनाकर काम करने की सीख दी। किसान प्रशिक्षुओं में युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार नई किस्मों के बीज के लिए जागरूक रहने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के समन्वयक व प्रधान वैज्ञानिक डॉ अंजनी कुमार सिंह ने बीज उत्पादन के मूलभूत तकनीकों के बारे में किसानों को अवगत कराया। वैज्ञानिक डॉ कल्याणी कुमारी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत किया। इसके साथ ही किसानों ने वैज्ञानिक डॉ आलोक कुमार के साथ बीज गुणवत्ता के विषय पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन तकनीकज्ञ कुमारी निशा द्वारा किया गया।

वैज्ञानिक डॉ श्रीपति ने बक्सर, बिहार से आए कृषकों को बीज प्रमाणीकरण से अवगत कराया 

भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् – भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में दिनांक 17 से 21 सितम्बर 2024 तक चल रहे कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दुसरे दिन क्षेत्रीय स्टेशन, बेंगलुरु से जुड़े वैज्ञानिक डॉ श्रीपति के. वी. ने महत्वपूर्ण फसलों के बीज प्रमाणीकरण, प्रक्षेत्र और बीज मानकों के बारे में जानकारी दी। वैज्ञानिक डॉ बनोथ विनेश ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अनुमोदित धान्य, दलहन एवं तिलहनी फसलों की नई विकसित किस्मों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

वैज्ञानिक डॉ कल्याणी कुमारी ने बीज प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में किसानों को प्रायोगिक विधियों द्वारा बीजों की भौतिक शुद्धता, अंकुरण क्षमता, नमी और बीज ओज के निर्धारण की विधियों को सिखाया। संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ कृषकों ने खेती से जुड़ी अपनी सभी शंकाओं पर चर्चा की तथा लाभान्वित हुए।

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