बांग्लादेश में हिन्दुओं के अत्याचार पर यूपी में आक्रोश
रामकुमार सिंह,बस्ती। उत्तर प्रदेश का बस्ती जनपद हिन्दुओं के उदघोष से गूंज उठा। बस्ती जनपद के हर हिन्दू का एक ही नारा है भारत हो या बांग्लादेश, हम सब हिन्दू एक हैं। जनपद बस्ती में बांग्लादेश हिन्दू रक्षा समिति के बैनर तले हिंदू संगठगों का प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा रहा।
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हिन्दू बोले-एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के विरोध में आज जनपद बस्ती में भी हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश हिन्दू रक्षा समिति के बैनर तले धोर विरोध प्रर्दशन किया जहां लाल बहादुर शास्त्री चौक परिसर में एकत्र होकर हजारों की संख्या में लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। रैली में समस्त हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। रैली हिन्दू समाज द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें मांग की गई कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया जाए और इसे रोका जाए।
इस प्रर्दशन के माध्यम से बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामी कट्टरपंथियो द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी तथा महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार की ओर अवगत कराया गया कि बांग्लादेश के अंदर जिस प्रकार से हिंदू संस्कृति के मानबिंदुओं हिंदू देवालयों पर लक्षित हमले हो रहे हैं वह अत्यंत चिंताजनक है। वर्तमान की बांग्लादेश सरकार तथा उसकी अन्य एजेंसियां इसे रोकने के स्थान पर केवल मूकदर्शक बन करके बैठी हुई हैं। विवशतावश बांग्लादेश के हिंदुओं द्वारा स्वरक्षण हेतु लोकतांत्रिक पद्धति से उठाई गई आवाज को दबाने हेतु उन्हीं पर अन्याय व अत्याचार का नया दौर उभर रहा है।
अभी तुरन्त के घटनाक्रम में बांग्लादेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी को बांग्लादेश सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बंद करना, उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक, अमानवीय एवं हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है। हम प्रारंभ से ही यह मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं।
यह दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय के वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी एवं जैसी रोक लगनी चाहिए थी, वैसी रोक नहीं लगाई है । भारत सरकार का प्रतिउत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानीपूर्वक और न्यूनतम रहा है। एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है, परंतु एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व सारे पड़ोसी देश व भारत सरकार सिर्फ देखते रहें और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी स्वीकार नहीं है।
इस अवसर बस्ती मण्डल के सभी छोटे व बडे जनप्रतिनिधि व क्षेत्रवासी हिंदू समाज को एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि एकजुटता से ही अत्याचार का सामना किया जा सकता है।
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